कोरबा: संजय लीला भंसाली की सुपरहिट फिल्म बाजीराव मस्तानी का वह डायलॉग आप सभी को याद होगा, जिसमें नायक रणवीर कहते हैं कि "चीते की चाल, बाज की नजर और बाजीराव की तलवार पर कभी संदेह नहीं करते". बाज की जिस पैनी नजर का जिक्र इस डायलॉग में किया जा रहा है, ठीक वैसे ही एक नहीं बल्कि 4 से 5 बाज की नजरें कोरबा जिले के भिलाईखुर्द के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूल पर पड़ गई है. इस स्कूल के बच्चे और शिक्षक बाज की नजरों में खटक रहे हैं.
कई बच्चों को कर चुका है घायल
दिसंबर माह से यह सिलसिला चला आ रहा है. बाज के डर से शिक्षक बाथरूम जाने तक से कतराते हैं. कोरोना काल में स्कूल की छुट्टी हुई और बच्चों को घर पर ही रहने का आदेश दिया गया तो शिक्षकों ने चैन की सांस ली. लेकिन बाज अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. स्कूल खुलते ही उसने शिक्षकों पर फिर से हमला करना शुरू कर दिया. बाज के हमले से इस स्कूल के कई शिक्षकों के सर पर चोट लगी है. कई बच्चों को तो बाज ने इतनी जोर से चोंच मारा है कि सिर से खून भी निकल आया था.
दिसंबर में बनाया था घोंसला
यह पूरा मामला नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 30 के अंतर्गत आने वाले प्राइमरी और मिडिल स्कूल भिलाई खुर्द का है. एक ही परिसर में प्राइमरी और मिडिल स्कूल संचालित होता है. यहां एक पुराना सेमर का पेड़ है. शिक्षकों की मानें तो 19 दिसंबर को बाज वहां पहली बार देखा गया था. शिक्षकों ने इसे सामान्य बात समझा. इसके बाद ठंडी की छुट्टियां लग गई. जब स्कूल खुला तो बाजों ने वहां अपना घोंसला बना लिया था. अब स्कूल के स्टाफ सहित बच्चे उनके निशाने पर हैं.