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आपदा में अवसर : हाथी प्रभावितों के मुआवजे में 'खेला'

हाथियों के उत्पात से कोरबा के साथ-साथ प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भयभीत हैं. खास तौर पर सरगुजा, रायगढ़, जशपुर, सूरजपुर और कोरबा जिले हाथियों के प्रकोप से प्रभावित होने वाले जिले हैं.

Compensation for crop damage from elephant
हाथी से फसल क्षति का मुआवजा

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Published : Sep 1, 2021, 10:19 PM IST

Updated : Sep 2, 2021, 6:37 AM IST

कोरबा/रायपुर :हाथियों के उत्पात (hordes of elephants) से कोरबा के साथ-साथ प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भयभीत हैं. खास तौर पर सरगुजा, रायगढ़, जशपुर, सूरजपुर और कोरबा जिलों में हाथियों के रहवास का अनुकूल वातावरण है. यहां हाथी किसानों की फसल रौंद डालते हैं. सरकार किसानों को फसल क्षति का मुआवजा देती है. कोरबा के कटघोरा वन मंडल (Katghora Forest Division) में पिछले कुछ दिनों में हाथियों का उत्पात चरम पर है. हालात यह है कि महीने भर में 250 से अधिक प्रकरण तैयार किये गए हैं. अब फसल क्षति के मुआवजा प्रकरण में भी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ रही हैं. कटघोरा वन मंडल के पसान रेंज में एक ही परिवार के 5 लोगों को फसल क्षति का मुआवजा दिये जाने की शिकायत हुई है. हालांकि वन विभाग ने इस शिकायत से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए जांच की बात कही है.

हाथी से फसल क्षति का मुआवजा
यह पूरा मामला

ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पसान के अध्यक्ष बचन साय कोराम ने कलेक्टर सहित वन मंडल अधिकारी और एसडीएम को शिकायती पत्र लिखा है. उसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि ग्राम पंचायत पिपरिया के एक ही परिवार के 5 लोगों को हाथियों द्वारा नुकसान हुई फसल के एवज में मुआवजा दिया गया है. जबकि यह सूची सही नहीं है. पिपरिया में जिन जरूरतमंद ग्रामीणों की फसलें वास्तव में हाथियों ने रौंद डाली हैं, उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है. जबकि गड़बड़ी कर एक ही परिवार के 5 लोगों को लाखों का मुआवजा दे दिया गया है. कोराम ने इसकी जांच की मांग की है.

कटघोरा वन मंडल में उत्पात अधिक, अवसर भी ज्यादा

कटघोरा वन मंडल में 45 हाथियों का झुंड करीब 1 साल से भ्रमण कर रहा है, जो अलग-अलग क्षेत्रों में उत्पात मचा रहा है. कटघोरा वन मंडल के पसान रेंज में 1 महीने के भीतर ही हाथियों ने 250 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. कोरबा वन मंडल में 10 महीने में भी इतना नुकसान नहीं हुआ है. इस लिहाज से यहां ताबड़तोड़ फसल क्षति के लिए मुआवजा प्रकरण तैयार किये जा रहे हैं. अधिक मुआवजा प्रकरण तैयार करने के कारण गड़बड़ी की संभावना भी बढ़ जाती है.


पिछले 3 साल में सरकार ने दिया 57 करोड़ से अधिक का मुआवजा

पिछले 3 वर्षों में प्रदेश में हाथियों के हमलों से 204 लोगों की मौत हुई है. साथ ही 45 हाथी भी मरे हैं. वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2020 में हाथियों के हमलों में 204 लोगों की मौत हुई है जबकि 97 लोग घायल हुए हैं. इस दौरान हाथियों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने के 66,582 जबकि घरों को नुकसान पहुंचाने के 5047 और अन्य तरह की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के 3151 मामले दर्ज कर प्रकरण तैयार किये गए हैं. इस तरह हाथियों के उत्पात के कुल 75 हजार 81 प्रकरण तैयार किये गए हैं. इसके एवज में सरकार ने 57 करोड़ 81 लाख 63 हजार 655 रुपये का मुआवजा पीड़ितों के बीच बांटा है.

सरगुजा में 4 हाथी, 11 लोगों की मौत

इधर, सरगुजा वन वृत्त में इस वर्ष हाथियों की वजह से होने वाली घटनाओं में 4 हाथियों की मौत हुई है. वहीं हाथियों के संघर्ष में 11 लोगों ने जान भी गंवाई है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन घटनाओं के अलावा सभी अन्य छोटी घटनाओं के प्रकरण तैयार कर मुआवजा वितरण कर दिया गया है.

सरगुजा में फिलहाल भ्रष्टाचार जैसी नहीं मिली है शिकायत

मार्च 2021 से अब तक सरगुजा वन वृत्त में 4 हाथियों और 11 इंसानों की मौत हुई. इंसानों की मौत पर 60 लाख 25 हजार रुपये मुआवजा वितरित किये गए हैं. हाथियों के हमले में 3 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें 1 लाख 27 हजार रुपये का मुआवजा दिया गया है. वहीं हाथियों द्वारा फसल क्षति के 1330 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें 49 लाख रुपये का मुआवजा वितरित किया गया है. हाथियों ने इन दिनों 290 घरों को क्षतिग्रस्त किया है. जिसमें पीड़ितों को 81 लाख 80 हजार रुपये वितरित किये गए हैं. फिलहाल सरगुजा में मुआवजा वितरण में भ्रष्टाचार जैसी कोई खबर सामने नहीं आई है.

Last Updated : Sep 2, 2021, 6:37 AM IST

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