कोरबा/रायपुर :हाथियों के उत्पात (hordes of elephants) से कोरबा के साथ-साथ प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भयभीत हैं. खास तौर पर सरगुजा, रायगढ़, जशपुर, सूरजपुर और कोरबा जिलों में हाथियों के रहवास का अनुकूल वातावरण है. यहां हाथी किसानों की फसल रौंद डालते हैं. सरकार किसानों को फसल क्षति का मुआवजा देती है. कोरबा के कटघोरा वन मंडल (Katghora Forest Division) में पिछले कुछ दिनों में हाथियों का उत्पात चरम पर है. हालात यह है कि महीने भर में 250 से अधिक प्रकरण तैयार किये गए हैं. अब फसल क्षति के मुआवजा प्रकरण में भी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आ रही हैं. कटघोरा वन मंडल के पसान रेंज में एक ही परिवार के 5 लोगों को फसल क्षति का मुआवजा दिये जाने की शिकायत हुई है. हालांकि वन विभाग ने इस शिकायत से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए जांच की बात कही है.
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पसान के अध्यक्ष बचन साय कोराम ने कलेक्टर सहित वन मंडल अधिकारी और एसडीएम को शिकायती पत्र लिखा है. उसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि ग्राम पंचायत पिपरिया के एक ही परिवार के 5 लोगों को हाथियों द्वारा नुकसान हुई फसल के एवज में मुआवजा दिया गया है. जबकि यह सूची सही नहीं है. पिपरिया में जिन जरूरतमंद ग्रामीणों की फसलें वास्तव में हाथियों ने रौंद डाली हैं, उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है. जबकि गड़बड़ी कर एक ही परिवार के 5 लोगों को लाखों का मुआवजा दे दिया गया है. कोराम ने इसकी जांच की मांग की है.
कटघोरा वन मंडल में उत्पात अधिक, अवसर भी ज्यादा
कटघोरा वन मंडल में 45 हाथियों का झुंड करीब 1 साल से भ्रमण कर रहा है, जो अलग-अलग क्षेत्रों में उत्पात मचा रहा है. कटघोरा वन मंडल के पसान रेंज में 1 महीने के भीतर ही हाथियों ने 250 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. कोरबा वन मंडल में 10 महीने में भी इतना नुकसान नहीं हुआ है. इस लिहाज से यहां ताबड़तोड़ फसल क्षति के लिए मुआवजा प्रकरण तैयार किये जा रहे हैं. अधिक मुआवजा प्रकरण तैयार करने के कारण गड़बड़ी की संभावना भी बढ़ जाती है.