कोरबा : कटघोरा वन मंडल के बांकीमोंगरा वन परिक्षेत्र में बांस कटाई को लेकर मचे घमासान के बीच जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने मामले को संज्ञान में लिया है. वहीं डीएफओ कटघोरा शमा फारूखी ने मामले की जांच फाइल उच्चाधिकारियों को भेज दी है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही मामले में कोई कार्रवाई हो सकती है.
बांस कटाई मामले में जांच तेज बांकीमोंगरा में बीट गार्ड शेखर रात्रे ने अपने रेंजर मृत्युंजय शर्मा के खिलाफ बांस की अवैध कटाई करने के आरोप में प्रकरण दर्ज किया था. कुल्हाड़ी और बांस की जब्ती करते हुए रेंजर और डिप्टी रेंजर दोनों के खिलाफ प्रकरण बनाया था. मौके पर हुई शेखर और रेंजर के बीच की कहासुनी का वीडियो पूरे प्रदेश में वायरल हो चुका है. यह घटना अब चर्चा का विषय बनी हुई है. पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर भी बीट गार्ड शेखर के पक्ष में खड़े दिखाई दिए, तो आईपीएस दीपांशु काबरा ने भी ट्वीट कर शेखर की तारीफ की थी.
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प्रभारी मंत्री ने फोन पर की पीसीसीएफ से चर्चा
सोमवार को जिले के प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम जिले के दौरे पर थे. इस दौरान जब उनसे बांस की अवैध कटाई के मामले में सवाल पूछा गया तब उन्होंने कहा कि इस घटना की जानकारी उन्हें मिली है, और मामले में उन्होंने खुद संज्ञान लेते हुए पीसीसीएफ को निष्पक्ष जांच करने की बात कही है. जांच पूरी होने के बाद निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई की जाएगी. जब उनसे पूछा गया कि बीट गार्ड छोटे स्तर का कर्मचारी है, जिस पर दबाव बनाया जा रहा है, तब उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है जांच के बाद निष्पक्ष तरीके से ही कार्रवाई होगी.
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डीएफओ ने उच्चाधिकारियों को भेजी फाइल
इस मामले में कटघोरा डीएफओ शमा फारूखी ने एसडीओ पाली को जांच अधिकारी बनाया था. डीएफओ ने बताया कि एसडीओ पाली के द्वारा उन्हें जांच प्रतिवेदन सौंपा गया है. जिसे उन्होंने बिना देर किए मुख्य वन संरक्षक और प्रधान मुख्य संरक्षक को भेज दिया है. अब आगे की कार्रवाई भी वहीं से होगी.
अवैध कटाई की बात से अफसर कर रहे इनकार
मामले में विभागीय अफसर अवैध कटाई की बात से इनकारकर रहे हैं. बीट गार्ड के साहसिक कदम से जंगल के अंदर होने वाले नियम के खिलाफ कार्यों की पोल खुल चुकी है. बीट गार्ड ने ना सिर्फ प्रकरण बनाया बल्कि मौके से 353 नग बांस भी जब्त किया. तस्वीर में बांस के हरे पत्ते साफ तौर पर दिख रहे हैं, जिससे यह साफ तौर पर जाहिर है कि वह सूखे बांस नहीं थे. जबकि विभागीय अफसरों का कहना है कि यह अवैध कटाई नहीं है, विशेष परिस्थितियों की वजह से डीएफओ की अनुमति लेकर विभागीय प्रयोजन के चलते सूखे गिरे हुए बांस संग्रहित किए गए थे.
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जिसके खिलाफ बनाया प्रकरण, उसे ही सैल्यूट कर सौंपी फाइल
बीट गार्ड शेखर रात्रे ने हल्दीबाड़ी रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र में अवैध कटाई के आरोप में अपने ही वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ अपराध दर्ज किया. जिस इमानदारी से शेखर ने प्रकरण बनाया उसी इमानदारी से प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अगले दिन आरोपी रेंजर मृत्युंजय शर्मा के कार्यालय पहुंचे और उन्हें सेल्यूट कर प्रतिवेदन सौंपा. बीट गार्ड केस दर्ज करने के बाद प्रकरण अपने रेंजर के सुपुर्द कर देते हैं. यह एक तरह से विभागीय रूटीन प्रक्रिया होती है, इस केस में दिलचस्प बात यह है कि यहां आरोपी खुद रेंजर है.