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कोरबा के दीपक गोस्वामी के लिए उम्र हैं सिर्फ नंबर, 70 की उम्र में जीते मेडल

हर इंसान अपनी उम्र के साथ शारीरिक रूप से कमजोर होता जाता है. लेकिन कुछ उदाहरण ऐसे हैं जिसमें इंसानों का जोश उम्र कभी कम नहीं कर पाई. कोरबा के दीपक गोस्वामी भी उन्हीं में से एक हैं. वह रिटायर होने के बाद अपने अंदर मौजूद खेल के जुनून को कम नहीं होने दे रहे हैं. korba latest news

Deepak Goswami won medal at age of seventy
दीपक गोस्वामी को सलाम

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Published : Dec 6, 2022, 11:12 AM IST

Updated : Dec 6, 2022, 1:27 PM IST

कोरबा : कोल इंडिया लिमिटेड के रिटायर्ड अधिकारी दीपक गोस्वामी की उम्र 70 साल है. लेकिन इस उम्र में खेल के प्रति उनका समर्पण और जुनून किसी 20 साल के युवा से कम नहीं है. दीपक लगातार खेल रहे हैं. इस खेल को न सिर्फ वह एंजॉय करते हैं बल्कि इसमें ऑल इंडिया लेवल पर अपने प्रतिद्वंद्वियों को धूल चटाया है. हाल ही में नवंबर के अंत में वेस्ट बंगाल के नासिक में आयोजित हुई ऑल इंडिया वेटरन खेल प्रतियोगिता में दीपक ने टेबल टेनिस और बैडमिंटन के दोनों इवेंट में मेडल हासिल किया है. इससे उनके परिवार और जिले में भी हर्ष का माहौल है. Deepak Goswami won medal at age of seventy

दीपक गोस्वामी को सलाम

कहां जीता मेडल :
दीपक गोस्वामी हाल ही में वेटरन स्पोर्ट्स एंड गेम एसोसिएशन (Veteran Sports and Games Association) द्वारा वेस्ट बंगाल के नासिक में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप में शामिल हुए थे. जहां उन्होंने दमदार प्रदर्शन करते हुए बैडमिंटन पुरुष डबल्स इवेंट में गोल्ड और टेबल टेनिस सिल्वर मेडल जीता है. दीपक सिंगल्स में भी सेमीफाइनल तक पहुंचे थे. जबकि डबल्स में उन्होंने दोनों इवेंट्स में मैडल हासिल किया है. एक साथ दो-दो इवेंट में मैडल जीतना आसान नहीं होता. इस प्रतियोगिता में देश भर के ढेर सारे वेटरन खिलाड़ी एकत्र हुए थे. जिन्हें पछाड़कर दीपक गोस्वामी ने यह उपलब्धि हासिल की है.

उम्र को चुनौती दे रहे हैं दीपक गोस्वामी

कोविड के दौरान शुरू किया टेबल टेनिस खेलना :
दीपक गोस्वामी कोल इंडिया लिमिटेड से जनरल मैनेजर पद से रिटायर हुए हैं. दीपक कहते हैं कि "मैं शुरू से ही स्पोर्ट्समैन रहा हूं. मेरा मुख्य खेल बैडमिंटन रहा है. जवानी के दिनों में भी देश और प्रदेश स्तर पर भी कई पदक जीते हैं. मैंने इस खेल को लगातार जारी रखा, लेकिन जब कोरोना आया तब सारे बैडमिंटन कोर्ट बंद हो गए. मेरे सामने यह प्रश्न था कि अब मैं कहां खेलूंगा? तब मैंने घर में ही टेबल टेनिस का बोर्ड लगाया और अपनी पोती के साथ टेबल टेनिस खेलने लगा. धीरे-धीरे मेरी पोती और मैं दोनों ही इसमें अच्छा खेलने लगे. पोती भी प्रतियोगिता में शामिल हुई और मैंने भी हाथ आजमाया. लगातार अभ्यास के कारण ही मैंने बैडमिंटन और टेनिस दोनों में पदक हासिल किया है".
छोटे बच्चों को निशुल्क प्रशिक्षण, हमारे लिए प्रेरणा हैं पिता :दीपक गोस्वामी के पुत्र सौमक गोस्वामी उनके साथ ही रहते हैं. सौमक कहते हैं कि "हमारे पिता पूरे परिवार के लिए प्रेरणा से कम नहीं हैं. उनकी प्रेरणा से ही हमने घर में एक टेबल टेनिस की छोटी सी एकेडमी की शुरुआत की है. जहां मेरे पिता छोटे बच्चों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देते हैं. खेलने वाले बच्चे यहां आकर अभ्यास करते हैं. धीरे-धीरे टेबल टेनिस का हमारा परिवार भी बढ़ रहा है. पिता का खेल शुरू से ही उत्कृष्ट रहा है. जवानी के दिनों से ही वह लगातार खेलों में सक्रिय रहे. हाल ही में नासिक जाकर उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर पदक जीतने में सफलता प्राप्त की है. इससे हम सब बेहद खुश हैं". korba latest news
Last Updated : Dec 6, 2022, 1:27 PM IST

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