कोरबा:नीति आयोग की ओर से आकांक्षी जिलों के लिए निर्धारित किए गए सूचकांकों की प्रगति को लेकर, केंद्रीय प्रोविडेंट फंड संगठन के आयुक्त सुनील बर्थवाल ने गुरुवार को समीक्षा की. बर्थवाल ने पिछले छह महीनों से कोरोना संक्रमण के कारण जिले में जनहितकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की धीमी पड़ी रफ्तार को भी तेज करने के निर्देश दिए.
कोरोना के वर्तमान स्थिति की ली जानकारी
समीक्षा बैठक में कोरबा कलेक्टर किरण कौशल, जिला पंचायत के सीईओ कुंदन कुमार सहित आकांक्षी जिलों के लिए निर्धारित सूचकांकों से संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में बर्थवाल ने कलेक्टर किरण कौशल से जिले में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी ली. उन्होंने आने वाले दिनों में स्वास्थ्य, शिक्षा, खेती-किसानी, पशुपालन से लेकर सामाजिक सुरक्षा पेंशनों के वितरण और मुद्रा लोन से स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए.
प्रोटोकॉल के तहत करें योजनाओं का क्रियान्वयन: बर्थवाल
बर्थवाल ने कोविड संक्रमण के कारण जिले में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन पर पड़े प्रभाव की भी जानकारी ली. उन्होंने कोविड 19 प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए, आने वाले समय में योजनाओं के क्रियान्वयन की गति बढ़ाने के उपाय करने के निर्देश दिए.
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शत-प्रतिशत टीकाकरण के निर्देश
बर्थवाल ने जिले में गर्भवती महिलाओं के पंजीयन, संस्थागत प्रसव सहित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण योजनाओं से लाभान्वित करने, 9 से 11 महीने के बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण का काम तेज करने के निर्देश दिए.
हर महीने समीक्षा करने के निर्देश
बर्थवाल ने स्कूलों में विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत प्रवेश सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने जिले में सिंचाई का रकबा बढ़ाकर द्वी फसली और नकदी फसलों के रकबे को बढ़ाने की दिशा में भी प्रयास तेज करने के निर्देश दिए. बर्थवाल ने आकांक्षी जिलों के तहत निर्धारित सूचकांकों पर हर महीने कलेक्टर को समीक्षा करने के भी निर्देश दिए.
कलेक्टर ने दी जानकारी
कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि जिले में 250 की आबादी वाले सभी 711 बसाहटों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बारहमासी सड़कों से जोड़ दिया गया है. उन्होंने बताया कि कोविड 19 संक्रमण के कारण जिले में वापस लौटे श्रमिकों को भी स्थानीय उद्योगों में रोजगार से जोड़ा गया है.
क्या है आकांक्षी जिला
नीति आयोग की ओर से कोरबा जिले को छत्तीसगढ़ के दूसरे 9 जिलों के साथ आकांक्षी जिलों में शामिल किया गया है. इसके तहत जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, कृषि, पोषण, बिजली, सामाजिक सुरक्षा और स्वरोजगार जैसी जनहितकारी योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित किया जाना है. नीति आयोग ने योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित 49 सूचकांक भी निर्धारित किए हैं. जिलों की प्रगति की समीक्षा इन्हीं सूचकांको के आधार पर, भारत सरकार की ओर से नियुक्त जिले के प्रभारी अधिकारी करेंगे.