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नियमों के खिलाफ अटैचमेंट पर कलेक्टर सख्त, डीईओ को फटकार लगाते हुए जारी किया नोटिस - शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़

नियमों के खिलाफ अटैचमेंट (attachment) पर कलेक्टर रानू साहू ने डीईओ को फटकार लगाते हुए एक नोटिस जारी किया है. इसके साथ ही DEO से स्पष्टीकरण मांगा है.

Collector Ranu Sahu
कलेक्टर रानू साहू

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Published : Jul 13, 2021, 1:09 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 4:34 PM IST

कोरबा: शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले शिक्षा विभाग का एक और कारनामा सामने आया है. इस पर कलेक्टर रानू साहू ने फटकार लगाते हुए डीईओ को नोटिस जारी किया है. दरअसल कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के बीईओ (Block Education Officer) एलपी जोगी ने एक शिक्षक को अटैच कर दिया, आदेश में यह भी लिखा कि डीईओ (District Education Officer) सतीश पांडे से प्राप्त मौखिक निर्देश के तहत यह आदेश जारी किया गया है, जबकि शासन के नियमों के अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता है. यह मापदंडों के खिलाफ है, किसी उच्चाधिकारी के मौखिक निर्देश के तहत किसी शिक्षक को अटैच करना शासकीय नियमों के उलट है.

आदेश की कॉपी

दुकानदारी पर कलेक्टर ने कसी लगाम

नियम के खिलाफ निजी स्वार्थ के लिए किए गए मौखिक आदेश पर एक शिक्षक के संलग्नीकरण पर कलेक्टर ने नोटिस जारी किया है. कलेक्टर ने पूछा है कि किसके आदेश से संलग्नीकरण किया गया. भविष्य में बिना कलेक्टर के अनुमोदन के संलग्नीकरण या अटैचमेंट न किए जाने का आदेश जारी कर फरमान दिया है. कलेक्टर के कड़े रुख के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. डीईओ ने तत्काल सभी बीईओ को उक्त आदेश से अवगत कराते हुए नियमों का पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है.

आदेश की कॉपी

ये है पूरा मामला

पांच जुलाई को पोंडी उपरोड़ा बीईओ एलपी जोगी ने शासकीय माध्यमिक शाला पिपरिया में पदस्थ शिक्षक रामअवतार बघेल ने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला दिया था. नजदीकी स्कूलों में संलग्न किए जाने सम्बन्धी प्राप्त आवेदन के आधार पर उन्हें आगामी आदेश पर्यन्त एकल शिक्षकीय माध्यमिक शाला लैंगी में अध्यापन काम के लिए संलग्न कर दिया था.

कलेक्टर रानू साहू के संज्ञान में यह बात सोमवार को आते ही उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने नोटिस जारी कर पूछा है कि सम्बंधित शिक्षक का संलग्नीकरण किसके आदेश से किया गया है. उन्होंने भविष्य में कलेक्टर के अनुमोदन के बिना संलग्नीकरण न किए जाने का निर्देश दिया है. शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की थी.

आदेश की कॉपी

आखिर क्या है अटैचमेंट या संलग्नीकरण

शिक्षा विभाग में एकल शिक्षकीय यह विषय विशेषज्ञ की कमी वाले स्कूलों में पठन-पाठन की व्यवस्था बनाए रखने समय-समय पर जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर अतिशेष शिक्षकों का व्यवस्था अंतर्गत शिक्षकों का संलग्नीकरण किया जाता रहा है. यह तब किया जाता है जब ट्रांसफर पर बैन हो या ट्रांसफर संभव ना हो, इसलिए अटैचमेंट स्थाई ट्रांसफर नहीं होता. यह एक तात्कालिक अस्थायी व्यवस्था होती है.

जिसके अनुसार शिक्षक का वेतन मूल संस्था से ही निकलता है, लेकिन वह काम वहां करते हैं, जहां उन्हें अटैच किया जाता है. लेकिन इस व्यवस्था की आड़ में शिक्षा विभाग में संलग्नीकरण की दुकानदारी चलती रहती है. पिछले 3 सालों में 300 से अधिक शिक्षकों का संलग्नीकरण कर दिया गया है. जिन की पदस्थापना बीहड़ के वनांचल क्षेत्रों के स्कूलों में रहती है. वह उच्च अधिकारियों से सांठगांठ कर अपने आप को शहरी क्षेत्र के सड़क के किनारे वाले स्कूलों में अटैच करवा लेते हैं.

जबकि शासन स्तर पर विशेष परिस्थितियों को छोड संलग्नीकरण पूर्णतः समाप्त कर दी गई है. बावजूद इसके दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में पदस्थ शिक्षकों को शहर से लगे स्कूलों, सुविधाजन्य स्कूलों में संलग्न करने का व्यापार चल रहा है. इससे ग्रामीण अंचलों के स्कूलों की अध्यापन व्यवस्था प्रभावित होती है. कोरबा में वर्तमान में भी कई शिक्षक अटैचमेंट में चल रहे हैं, जो कि नियम खिलाफ है.

शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने खोला मोर्चा

शिक्षक संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने कलेक्टर रानू साहू से मिलकर इसकी दस्तावेजी प्रमाण सहित जानकारी सौंपते हुए उचित कार्रवाई का आग्रह किया था. कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए डीईओ को फटकार लगाते तत्काल संलग्नीकरण समाप्त करने के निर्देश दिए. संघर्ष मोर्चा ने जिले के डीईओ के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. सरलीकरण के साथ ही डीएमए फंड में गड़बड़ी संबंधी भी गंभीर शिकायतें कलेक्टर से की गई हैं.

Last Updated : Jul 13, 2021, 4:34 PM IST

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