कोरबा: कटक से NDRF (National disaster rescue force) की तीसरी बटालियन के साथ NTPC में नियोजित CISF (केंद्रीय सुरक्षा बल) और स्थानीय प्रशासन की टीम ने मिलकर शुक्रवार को मॉक ड्रिल (आपात अभ्यास) किया. आपात परिस्थिति में पूर्व निर्धारित योजनाओं के मुताबिक किस तरह से स्थिति को नियंत्रण में लिया जाए, इसके लिए मॉक ड्रिल किया जाता है. अमूमन औद्योगिक संस्थान इस तरह के अभ्यास करते रहती है. खास बात ये रही कि इस बार कटक से NDRF की टीम को इस अभ्यास के लिए बुलाया गया था.
औद्योगिक संस्थान अलग-अलग तरह के आपातकाल परिस्थितियों के लिए तैयारी करते हैं. शुक्रवार को किए गए मॉक ड्रिल के दौरान प्लांट से क्लोरीन जैसे खतरनाक गैस का रिसाव होने पर परिस्थितियों को कैसे नियंत्रित किया जाए, इस विषय पर मॉक ड्रिल किया गया. क्लोरीन पावर प्लांट में बेहद सामान्य तौर पर इस्तेमाल में लिया जाता है. प्लांट के प्रचालन के दौरान इसके रिसाव होने की भी संभावनाएं बनी रहती है. जब भी क्लोरीन का रिसाव होता है, तब प्लांट का अपना ऑटोमेटिक सिस्टम प्रभावशील हो जाता है. जोकि सायरन बजाकर लोगों को आगाह करता है.