एएसआई के हत्यारों का नहीं लगा सुराग कोरबा:बांगो थाना में तैनात सहायक उप निरीक्षक नरेंद्र सिंह परिहार की मौत को 24 घंटे बाद पुलिस के हाथ खाली हैं. हालांकि कुछ अहम सुराग मिलने का दावा किया जा रहा है. 9 और 10 मार्च की दरम्यानी रात पुलिस बैरक में घुसकर एएसआई की हत्या कर दी गई थी. गर्दन के पीछे धारदार हथियार से वार किया गया था, जिससे एएसआई की मौत हुई है. इस हत्या को लेकर अब भाजपा हमलावर हो गई है. जिला अध्यक्ष राजीव सिंह और पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. भाजपाइयों ने प्रदेश को अपराधगढ़ में तब्दील हो जाने की बात कह डाली है.
किसी जानकार के हत्या करने का संदेह:पुलिस की अब तक की जांच में जो बातें सामने आई है, उसके मुताबिक हत्या किसी जानकार व्यक्ति ने की है, जिसे बांगो थाने और बैरक की बारीकी से जानकारी थी. घटना वाली रात को एएसआई परिहार की नाइट ड्यूटी लगी थी. उन्हें गश्त पर रवाना किया गया था, लेकिन रात के ठीक 12.30 बजे वे आराम करने के लिए बैरक में वापस लौट आए थे. बैरक में पुलिसकर्मियों के आराम करने के लिए कुल 4 से 5 कमरे हैं, जिसकी दूरी बांगो थाना से महज 50 मीटर है. घटना का समय रात 12:30 बजे के बाद का बताया जा रहा है. सुबह हत्या का पता तब चला जब एक साथी पुलिसकर्मी मॉर्निंग वॉक पर जाने के लिए बैरक में पहुंचा.
खोजी कुत्ता भी नहीं ढूंढ पाया सुराग:कातिल ने कोई सुराग नहीं छोड़ा है. उसने अपने निशान मिटा दिए. जिस धारदार हथियार से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है, वह भी मौके पर नहीं था. जब स्पाई डॉग को काम पर लगाया गया तो वह थाना बैरक और बाद में बाहर जाने वाले रास्ते पर ही घूमता रहा. बार-बार इन्हीं स्थानों पर घूम कर वापस लौट रहा था, जिससे उसके कंफ्यूज होने का पता चला. इस मामले में स्पाई डॉग से भी पुलिस को कोई अहम सुराग नहीं मिला.
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कोटा में हुआ अंतिम संस्कार, तीन बच्चों के पिता थे परिहार: एएसआई नरेंद्र सिंह परिहार बिलासपुर के कोटा के रहने वाले थे. देर शाम को कोटा में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया. वर्तमान में परिहार का परिवार दर्री क्षेत्र के सिंचाई विभाग के विभागीय क्वार्टर में रह रहा था. परिहार की दो बेटियां और एक बेटा है. बेटा सबसे छोटा है, जो कि 12वीं कक्षा का छात्र है. पुलिस की एक टीम कोटा भी गई है. जहां परिवारिक बैकग्राउंड भी खंगाला जा रहा है. किसी से रंजिश या दुश्मनी की बात का पता लगाया जा रहा है. जबकि साथी पुलिसकर्मियों और पड़ोसियों का कहना है कि परिहार काफी शांत और मिलनसार स्वभाव के व्यक्ति थे.
जिस पुलिस पर सुरक्षा की जिम्मेदारी, अब वही असुरक्षित:भाजपा के कोरबा जिला अध्यक्ष डॉ राजीव सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि "पुलिस वालों के कंधों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है, लेकिन अब वही असुरक्षित हैं. यह जघन्य घटना है, जिसमें एक पुलिस वाले की हत्या हो गई है. इसका पुलिस को जल्द से जल्द पता लगाते हुए, कातिल को सजा दिलवानी चाहिए." पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि "अपराधी अब पुलिस पर हावी हो चुके हैं. ऐसे में आम जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे चल रही है. छत्तीसगढ़ अपराधगढ़ में तब्दील हो चुका है. छत्तीसगढ़ सरकार अपने गौठान का पिटारा लेकर वाहवाही लूट रही है और जनता बेहाल है."
घटना बेहद दुखद, पुलिस नहीं तो कोरबा में कौन सुरक्षित:धरमलाल कौशिक के छत्तीसगढ़ के अपराधगढ़ में तब्दील होने वाले बयान पर कोरबा पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने जवाब दिया है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि " हम सभी जनप्रतिनिधि हैं, चाहे कांग्रेस के हों या भाजपा के. हम सभी को जनता की भावना को व्यक्त करना चाहिए. मैंने एसपी से भी इस बात को कहा है कि यह बेहद दुखद घटना है. जब पुलिस वाले ही सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो कोरबा में और कौन सुरक्षित रहेगा."
पुलिस की कई टीमें कर रही हैं जांच: एएसआई हत्याकांड के मामले में एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि "पुलिस की कई टीमें बनाई गई हैं, जो अलग अलग बिंदुओं की पड़ताल कर रही हैं. जल्द ही सफलता मिलेगी."