आंगनबाड़ी वर्कर्स ने सद्बुद्धि यज्ञ करके जताया विरोध कटघोरा : सरकार से अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर 20 दिनों से आंदोलन कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने कटघोरा बीईओ कार्यालय के सामने धरना स्थल पर हवन का आयोजन किया.इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार को सद्बुद्धि देने की कामना की.
क्यों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया सदबुद्धि यज्ञ :आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने बताया कि '' यह यज्ञ सीएम भूपेश बघेल और प्रदेश की महिला बाल विकास विभाग मंत्री अनिला भेड़िया के लिए किया गया . सरकार हमारी मांगों को पूरा कर देती है तो इससे इसमें उनका और हमारा दोनों का भला होगा.हमें यदि सरकार द्वारा निराश किया जाता है और हमारी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो सरकैार को अंजाम भुगतना पड़ेगा.''
सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिली निराशा :आंगनबाड़ी वर्कर्स का कहना है कि '' प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर वह सभी काफी आश्वस्त थे कि निश्चित ही सरकार मांगों को पूरा करेगी.कांग्रेस सरकार ने जनघोषणा पत्र में कहा था कि जब हमारी सरकार आएगी तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नर्सरी शिक्षकों का उन्नयन किया जाएगा.लेकिन सरकार द्वारा आज तक यह वादा पूरा नहीं किया गया है.जबकि प्रदेश के उन्नति और कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने में हमारा महत्वपूर्ण योगदान है.'' बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पिछले कई दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. ऐसे में अंचल में आंगनबाड़ी से जुड़ी सेवाएं भी प्रभावित हो रही है.
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छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का योगदान :छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को भोजन वितरित करने में आंगनबाड़ी वर्कर्स का बड़ा योगदान है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की माने तो छोटे बच्चों के मुस्कुराते चेहरों को देखने के बाद वो अपना सारा दर्द भूल जाती हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फ्रंट-लाइनर्स हैं जिन्होंने कोरोना काल में बीमारी के खतरे को जानते हुए भी बच्चों और पिछड़े क्षेत्रों तक समय पर भोजन पहुंचाया. टीकाकरण में भी अहम योगदान दिया. जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी कर्तव्य के प्रति अत्यधिक ईमानदारी और निष्ठा दिखाते हुए दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी परिवारों का पता लगाया. जंगल में घूमकर और उनका पता लगाकर रेडी टू ईट फूड और सूखा राशन वितरित किया.वहीं स्कूल खुलने के बाद मिड डे मील योजना की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर ली.लेकिन सरकार ने इनसे किया हुआ वादा नहीं निभाया.