कोरबा:chhattisgarh film industry अपनी अपकमिंग फिल्म के बारे में चर्चा कर मन कुरैशी ने कहा कि यह एक अलग सब्जेक्ट पर फिल्म बनी है. जो कि दर्शकों को काफी पसंद आएगी. कुरैशी छत्तीसगढ़ी सिनेमा में कई सुपरहिट फिल्में दे चुके हैं. उनका मानना है कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों को अब भी उतने दर्शक नहीं मिलते.
छत्तीसगढ़ में बनेंगी पैन इंडिया मूवीज छत्तीसगढ़ी फिल्मों को नही मिलते पर्याप्त सेंटर:मन कुरैशी ने कहा "छत्तीसगढ़ी फिल्मों को प्रदेश में केवल 35 सेंटर ही मिलते हैं. जहां वह किसी तरह अपने फिल्म का बजट वसूलते हैं. इसकी तुलना में साउथ और ओडिशा जैसे राज्यों में हजार के आस पास सेंटर मिल जाते हैं. यदि छत्तीसगढ़ी फिल्म 100 सेंटर भी मिल जाए तो हमारे लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी."
मुझे छत्तीसगढ़ का शाहरुख खान कहा जाता है: मन ने यह भी कहा कि "जब मुझे छत्तीसगढ़ का शाहरुख खान कहा जाता है. तब गर्व की अनुभूति होती है. यह मेरे लिए बेहद गर्व का विषय है कि कम से कम लोग मेरे काम को देख तो रहे हैं. ये जानते हैं कि मुझे छत्तीसगढ़ का शाहरुख खान कहा जाता है."
हमारा संवाद भी छत्तीसगढ़ी ही होना चाहिए:फिल्म साथी रे के डायरेक्टर अनुपम भार्गव का कहना है कि हम छत्तीसगढ़ी फिल्में बनाते हैं. इसलिए हमारा संवाद भी छत्तीसगढ़ी ही होना चाहिए. अभी छत्तीसगढ़ी सिनेमा धीरे धीरे ग्रो कर रहा है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और बेहतर प्रदर्शन करेंगे.
एसएस राजामौली आरआरआर जैसी फिल्म दे रहे हैं:भार्गव ने एसएस राजामौली का जिक्र करते हुए बताया "उनकी भी पहली फिल्म स्टूडेंट नंबर वन थी. जिसमें कोई भी वीएफएक्स नहीं था. लेकिन अब वह आरआरआर जैसी फिल्म दे रहे हैं."
यह भी पढ़ें: बीमारियों से बचने ठंड के मौसम में कैसी हो डाइट, जानिए एक्सपर्ट की राय
छत्तीसगढ़ में भी पैन इंडिया मूवीज बनेंगी":भार्गव ने छत्तीसगढ़ी सिनेमा की तारीफ कर कहा "अब इंडस्ट्री में नए बच्चे आ रहे हैं. युवाओं ने आकर पूरी तरह से परिवर्तन ला दिया है. अब जिस वीएफएक्स और पोस्ट प्रोडक्शन के काम के लिए हमें मुंबई के चक्कर लगाने पड़ते थे. वह सभी काम अब छत्तीसगढ़ में ही किए जा रहे हैं. आने वाले समय में और भी बदलाव देखने को मिलेगा. वो दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ में भी पैन इंडिया मूवीज बनेंगी. जिसकी चर्चा देश और विदेश स्तर पर होगी."