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पैसे लेकर क्लीनिक में वैक्सीन लगाने वाले डॉ. मखीजा की सेवाएं समाप्त, क्लीनिक भी सील

छत्तीसगढ़ के कोरबा में एक निजी क्लीनिक में कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) लगाने का मामला सामने आया है. DMF फंड से स्वास्थ्य विभाग में संविदा पद पर पदस्थ डॉ. अशोक मखीजा (dr. ashok makhija) का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वो अपने क्लीनिक में लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. प्रशासन ने जांच के बाद डॉ. मखीजा को पद से हटा दिया है. वहीं क्लीनिक को भी सील कर दिया है.

Action on doctor Ashok Makhija who applied corona vaccine at clinic in Korba
पैसे लेकर क्लीनिक में वैक्सीन लगाने वाले डॉ. मखीजा की सेवाएं समाप्त

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Published : Jul 4, 2021, 8:52 PM IST

कोरबा: देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन (corona vaccination) का काम तेजी से चल रहा है. लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई जा रही है. वहीं दूसरी ओर कुछ लोग आपदा को अवसर में बदलने में जुटे हुए हैं. कोरबा जिले के सरकारी अस्पताल में पदस्थ डॉ. अशोक मखीजा (dr. ashok makhija) का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वो अपने क्लीनिक में लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं. प्रशासन ने जांच के बाद डॉ. मखीजा को पद से हटा दिया है. वहीं क्लीनिक को भी सील कर दिया है.

कलेक्टर का आदेश

क्लीनिक में कोरोना वैक्सीन लगाने का आरोप

कोरबा में एक सरकारी डॉक्टर कोरोना की वैक्सीन अपने निजी क्लीनिक में छह सौ रुपए लेकर लोगों को लगा रहा है. जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जिसके बाद मामला लोगों की नजर में आया. कोरबा जिले में कोविड वैक्सीन की कमी है, वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर का पैसे लेकर वैक्सीन लगाना व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. मामला सामने आने के बाद जिला कलेक्टर ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक मखीजा (dr. ashok makhija) की सेवाएं समाप्त कर दी है.

पैसे लेकर क्लीनिक में लगाई जा रही थी वैक्सीन

डॉ. अशोक मखीजा पर अपने निजी क्लीनिक में पैसे लेकर लोगों को वैक्सीन लगाने का आरोप लगा था. कोरबा एसडीएम सुनील नायक ने इसकी जांच की और आरोपों की पुष्टि होने पर कलेक्टर रानू साहू ने रविवार को छुट्टी के दिन ही चिकित्सक पर बड़ी कार्रवाई की है.

ये है पूरा मामला

डॉक्टर अशोक मखीजा डीएमएफ मद से जिले के स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर अपनी सेवाएं दे रहे थे. उनकी नियुक्ति पुराने शहर के रानी धनराज कुंवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में की गई थी. जहां वह शिशु रोग विशेषज्ञ के तौर पर अपनी सेवाएं ओपीडी में दे रहे थे. सरकारी विभाग में सांठगांठ कर वैक्सीन की किल्लत होने के बावजूद मखीजा आश्चर्यजनक रूप से वैक्सीन लोगों को उपलब्ध करवा रहे थे. सूचना यह भी है कि रसूखदार लोगों को वैक्सीन की घर पहुंच सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही थी.

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600 से 1200 रुपए में लगाई जा रही थी वैक्सीन

एक तरफ जहां सरकारी वैक्सीन केंद्रों में वैक्सीन समाप्त होने के कारण लोगों को बैरंग लौटाया जा रहा था. वहीं मखीजा अपने निजी क्लीनिक में बकायदा लोगों से 600 से लेकर 1200 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से पैसे वसूल कर इसे लोगों को लगा रहे थे. शहर के पावर हाउस रोड में मखीजा का निजी क्लीनिक संचालित है. जहां वह खुलेआम इस तरह का गोरखधंधा कर रहे थे. यहां से कई लोगों ने वैक्सीन लगवाया है, जिनमें कुछ मीडियाकर्मी भी शामिल रहे.

कलेक्टर के निर्देश पर डॉक्टर की सेवाएं समाप्त

कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने तत्काल जांच प्रतिवेदन तैयार किया. सीएमएचओ से लेकर वैक्सीन लगवाने के भी बयान दर्ज हुए. रविवार को न सिर्फ मखीजा की सेवा समाप्त कर दी गई है. बल्कि उनके क्लीनिक को भी बंद करने का आदेश कलेक्टर ने जारी कर दिया है.

बड़ा सवाल वैक्सीन निजी क्लीनिक में कैसी पहुंची वैक्सीन

आम लोगों को लगाई जाने वाली कोरोना वैक्सीन अब तक पूरी तरह से सरकारी सप्लाई की चेन के जरिए सरकारी केंद्र तक पहुंच रही है. फिलहाल किसी भी निजी संस्था, चिकित्सक को वैक्सीन लगाने की अनुमति नहीं है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि स्वास्थ्य विभाग के वह कौन से अधिकारी हैं ? जिनसे मिलीभगत कर मखीजा अपने निजी क्लीनिक में लोगों से पैसे वसूल कर वैक्सीन लगा रहे थे? मखीजा पर तो कार्रवाई कर दी गई है, लेकिन स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के नाम अब तक उजागर नहीं हुए हैं. जिनसे मिलीभगत कर मखीजा यह पूरा खेल खेल रहे थे.

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