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साल 2020: कोरबा में सड़क हादसों में 201 लोगों ने गंवाई जान

कोरबा जिले में साल 2020 में सड़क हादसों में मौत की संख्या बढ़ी है. 2020 में 201 लोगों ने अलग-अलग जगहों पर अपनी जान गंवाई है.

201 people lost their lives in road accidents in Korba in the year 2020
कोरबा में सड़क हादसे

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Published : Dec 31, 2020, 8:37 PM IST

कोरबा:साल 2020 बस खत्म ही होने वाला है. हर साल जाते-जाते कई खट्टी-मिठी यादें दे जाता है. 2020 को अगर हासदों का साल कहे तो गलत नहीं होगा. पहले कोरोना महामारी उसके बाद लगातार बढ़ते सड़क हादसों में लोगों ने अपनी जान गवाई है. कोरबा जिले की अगर बात करें तो 2020 में 201 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है. इस साल सर्वाधिक हादसे बांगो, कटघोरा, उरगा, कुसमुंडा और पाली में दर्ज किए गए हैं.

कोरबा में सड़क हादसों में 201 लोगों ने गंवाई जान

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सड़क हादसों के पीछे पुलिस जिले में भारी वाहनों का अधिक दबाव और शराब सेवन को प्रमुख वजह मान रही है. दूसरा पहलू यह भी है कि जिले में सड़क सुरक्षा समिति के बैठकों में की गई सिफारिशों को वर्षों बाद भी अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.

कोरबा शहर
वर्ष हादसे मौत घायल
2019 688 239 197
2020 449 201 300



36 ब्लैक स्पॉट

जिले के एक दर्जन सड़कों पर 36 ब्लैक स्पॉट हैं. जिनकी इंजीनियरिंग सुधारने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को काम करना था, लेकिन वह अपने प्रयासों में पूरी तरह से विफल रहा है. पिछले 2 साल में कुल मिलाकर 444 लोगों की जान जा चुकी है. जिले में कसनिया नाला, बक्साही मोड़, डूमर कछार, गाजर नाला, बनबांधा मोड़, मड़वारानी मोड़, गुरसिया, भिलाई खुर्द, धौराभाठा वैशाली नगर कुसमुंडा, तिवरता और कोथारी रोड सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से सर्वाधिक संवेदनशील ब्लैक स्पॉट हैं. इस वर्ष भी इन्हीं ब्लैक स्पॉट पर सर्वाधिक दुर्घटनाएं हुई हैं.

छत्तीसगढ़ में 1 जनवरी 2020 से लेकर 30 नवंबर 2020 तक की स्थिति में कुल 4 हजार 17 लोगों की मृत्यु हुई है. और 9409 लोग घायल हुए हैं.

सड़क हादसों के लिहाज से प्रदेश के टॉप 10 जिले (1 जनवरी से 30 नवंबर 2020 तक)

जिला मृतकों की संख्या
रायपुर 437
बिलासपुर 264
राजनांदगांव 253
रायगढ़ 232
महासमुंद 198
कोरबा 189
जांजगीर 183
दुर्ग 178
बलौदाबाजार 175
सूरजपुर 159

सड़क हादसों की वजह
सड़क हादसे में मृत ज्यादातर लोगों की जान नेशनल हाईवे पर गई है. जो कटघोरा से होकर अंबिकापुर तक जाती है. यहां की सड़क पहले जर्जर हुआ करते थी. कुछ साल पहले यहां कंक्रीट की चिकनी सड़क का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है. जहां वाहन अब फर्राटे भरते हैं. तेज रफ्तार वाहन चलाने के साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने के दौरान ज्यादातर सड़क हादसे हुए हैं. जिले की दो शराब दुकाने ढेंगुरणाला और कुसमुंडा मार्ग पर बरमपुर में संचालित दुकानों को अन्यत्र शिफ्ट करने की योजना थी, लेकिन यह काम अब तक अधूरा है. मुख्य मार्ग पर होने के कारण इन शराब दुकानों से लोग शराब सेवन करके सड़क पर आते हैं और दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं.

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