कोंडागांव:विकास की राह में कई बार हमें प्रकृति के साथ समझौता करना पड़ता है. किसी भी क्षेत्र के विकास का एक मुख्य आयाम उनको मुख्य मार्गों से जोड़ने वाली सड़कें होती हैं, लेकिन सड़कों का निर्माण करते वक्त कई बार वृक्षों का कटाव आवश्यक हो जाता है. इसी तरह जिले में भी कई सड़कों का निर्माण किया गया है, जिससे लाखों जिंदगियों में एक नया सवेरा आया है. इन मार्गों के बनने से पर्यावरण को हुई क्षति को पूरा करने की सतत विकास की संकल्पना को साकार करते हुए जिले में वर्षा ऋतु के शुरूआत में बड़े स्तर पर पौधारोपण कार्यक्रम चलाया जाएगा.
लगाए गए पौधों को मवेशियों से बचाने के लिए ट्री गार्ड लगाया जाना जरूरी है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने 1 लाख पौधों के लिए ट्री गार्ड बनाने का जिम्मा जिले के ही 'बिहान' महिला स्व-सहायता समूहों को दिया है. जिले में केशकाल , फरसगांव और कोंडागांव के समूहों को वनविभाग ने 30 हजार बांस निर्मित ट्री गार्ड बनाने का ऑर्डर दिया है. इसमें प्रति पेड़ ट्री गार्ड के लिए समूह की महिलाओं को 450 रूपए दिया जा रहा है. इन समूहों में कुडेंर (फरसगांव), मुननार (केशकाल), और राजागांव (कोंडागांव) सखी सहेली समूह शामिल है. इन बांस शिल्प से जुड़े बिहान समूहों को इन 30 हजार ट्री गार्ड के लिए 1 करोड़ 35 लाख रूपए दिए जाएंगे.
263 महिलाओं को मिला रोजगार
बता दें कि इन 30 हजार ट्री गार्ड में से 20 हजार दक्षिण कोंडागांव वनमंडल और 10 हजार केशकाल वनमंडल को दिए जाएंगे, जिनका प्रयोग राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ पौधारोपण करने के बाद किया जाएगा. इस काम से चारों विकासखंडों (बड़ेराजपुर, केशकाल, कोंडागांव, फरसगांव) के कुल 11 गांवों के 26 स्व-सहायता समूहों की 263 महिलाओं को रोजगार मिला है.