कोंडागांव: जिले की कोकोड़ी गांव में मौजूद सरकारी हाईस्कूल का मुख्य भवन जर्जर हो चुका है. इस वजह से स्कूल की तीन कक्षाओं को दूसरे भवन में संचालित किया जा रहा है.
जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर बच्चे मुख्य भवन में 4 कमरे हैं जिसमें एक कक्ष में शिक्षकों का स्टाफ बैठता है दूसरे कक्ष में छठवीं, तीसरे कक्ष में सातवीं की क्लास लगती थी और चौथे में क्लर्क स्टाफ व अन्य सामग्रियां रखी हुई थीं.
बारिश की वजह से टूटी छत
इस मानसून अतिवृष्टि और लगातार हो रही बारिश से स्कूल भवन की छत ने जवाब दे दिया और सीपेज के कारण भवन के हर कमरे में पानी टपकने लगा और फिर मलबा भी इस संबंध में प्राचार्य व स्टाफ ने जिला शिक्षा और विकासखंड शिक्षाधिकारी को अवगत कराया लेकिन सिस्टम ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया, इसके बाद शिक्षकों ने मजबूरन स्कूल भवन में मौजूद एक की कमरे में क्लास लगानी पड़ी.
पढ़ाई होगी है प्रभावित
स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक बताते हैं कि इस व्यवस्था से प्रभावित होती हैं लेकिन वो करें भी तो क्या, उनके पास कोई विकल्प न होने की वजह से इसी तरह से क्लास भी संचालित की जा रही है.
दो क्लास को एक साथ बैठाया जाता है
दरअसल मुख्य भवन में सीपेज और पानी टपकने की वजह से छठीं और सातवीं को एक साथ एक कमरे में ही बैठाकर पढ़ाया जा रहा है, छठी में 47 और सातवीं में 42 बच्चे दर्ज हैं.
ठीक से नहीं कर पाते हैं पढ़ाई
आलम यह है कि एक बेंच पर तीन से चार बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जा रहा है. स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्रा बताते हैं कि 'इस तरह से न तो वो ढंग से बैठ पाते हैं और न ही पढ़ाई और लिखाई कर पाते हैं.
ऐसा नहीं है कि इससे पहले स्कूल प्रबंधन ने जिला प्रशासन को इस समस्या की जानकारी न दी हो. कई बार फरियाद के बाद भी प्रशासन ने नौनिहालों की सुध नहीं ली.
इंजीनियर ने भवन को जर्जर घोषित किया
कोकोड़ी पंचायत के जनप्रतिधियों ने इंजीनियर को बुलाकर भवन का सर्वे भी कराया था. इस दौरान इंजीनियर ने भवन का मुआयना कर बताया कि 'भवन की मरम्मत संभव नहीं है, क्योंकि भवन की दीवारों पर भी छत के साथ-साथ क्रैक्स आ चुके हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी ने कही ये बात
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि 'स्कूल प्रबंधन और पंचायत की ओर से मुख्य भवन के पीछे की जमीन पर भवन बनाने का प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है, लेकिन प्रशासन ने इस पर भी कोई प्रतिक्रिया आज तक नहीं दी है.