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आरक्षण में कटौती को लेकर कांग्रेस का आरोप, बीजेपी के कारण हुआ अन्याय - कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम

आदिवासी समाज के आरक्षण की कटौती के लिये कांग्रेस ने बीजेपी की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. कोंडागांव में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम Congress state president Mohan Markam ने आदिवासी समाज के आरक्षण में हाईकोर्ट के आदेश को बीजेपी की गलती के कारण होना माना है.

आरक्षण में कटौती को लेकर कांग्रेस का आरोप, बीजेपी के कारण हुआ अन्याय
आरक्षण में कटौती को लेकर कांग्रेस का आरोप, बीजेपी के कारण हुआ अन्याय

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Published : Oct 4, 2022, 5:29 PM IST

Updated : Oct 4, 2022, 7:25 PM IST

कोंडागांव : छग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह विधायक कोंडागांव मोहन मरकाम ने आरक्षण में कटौती के लिए पूर्ववर्ती रमन सरकार को जिम्मेदार बताया. मरकाम ने कहा कि भाजपा कितनी भी नौटंकी कर ले उसकी गलती छुपने वाली नहीं है. प्रदेश का आदिवासी समाज भाजपा को माफ नहीं करेगा.कांग्रेस आदिवासी समाज के सामने भाजपा की इस बदनीयती को बेनकाब करेगी. कांग्रेस बतायेगी रमन सरकार ने जानबूझकर ऐसा फैसला लिया था जो कोर्ट में रद्द हो जाये. अपने फैसले को बचाने के लिये ठोस उपाय नहीं करने की रमन सिंह की बदनीयती सामने आई (reduction of reservation of tribal society ) है.

आरक्षण में कटौती को लेकर कांग्रेस का आरोप, बीजेपी के कारण हुआ अन्याय

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम Congress state president Mohan Markam ने कहा कि '' कांग्रेस सरकार बिलासपुर उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गयी है. कांग्रेस आदिवासी समाज के हितों के लिये पूरी कानूनी लड़ाई लड़ेगी. हमें पूरा-पूरा भरोसा है राज्य के आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग सभी के साथ न्याय होगा.उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण का लाभ मिलेगा. पूर्ववर्ती रमन सरकार ने यदि 2012 में बिलासपुर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किये गये मुकदमे में सही तथ्य रखे होते और 2011 में आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 प्रतिशत करने के समय दूसरे वर्ग के आरक्षण की कटौती के खिलाफ निर्णय नहीं लिया होता तो ये नौबत नहीं आती.

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मरकाम के मुताबिक बीजेपी झूठी बयानबाजी कर रही है. 2013 तक लता उसेंडी राज्य की तत्कालीन भाजपा शासन में मंत्री थी. उसके बाद 2018 तक राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त कर नान अध्यक्ष रहीं. वहीं केदार कश्यप 2018 तक राज्य शासन में मंत्री रहे. तब तक उन्हें इस बात की चिंता नही हुई. ना उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह जी को इस मुद्दे को संज्ञान में लेने हेतु कहा. ना आदिवासी समाज को उनका हक दिलाने का कोई प्रयास किया. आज जब उनकी नाकामियां समाज के सामने आ गई तो अपनी नाकामी को छुपाने के लिए लगातार बयानबाजी कर अपने आपको आदिवासी समाज का हितैषी साबित करने का प्रयास कर रह हैं.

Last Updated : Oct 4, 2022, 7:25 PM IST

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