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बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा गांव, पहली बार विधायक ने ली सुध

जिले में अब भी कई गांव ऐसे हैं, जहां के लोग आजादी के इतने साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर पहली बार क्षेत्रीय विधायक गांव पहुंचे और समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया.

Village craving for basic facilities first time MLA improved in kondagaon
बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा गांव

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Published : May 23, 2020, 1:42 AM IST

कोंडागांव: आजादी के सात दशक बाद पहली बार किसी जनप्रतिनिधि ने कोंडागांव के अतिसंवेदनशील ग्राम छोर पर बसे मरकामपाल गांव की सुध ली है. इस गांव के पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के आदिवासी ग्रामीणों को साफ पानी पीने के लिए एक हैंडपंप तक नसीब नहीं था.

नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप प्रशासनिक अमले के साथ मरकामपाल गांव पहुंचे. जहां उन्होंने ग्रामीणों को हैंडपंप की सौगात दी और साथ ही गांव में जल्द ही स्कूल, आंगनबाडी और स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का आश्वासन भी दिया.

गांव में नहीं है पुलिया

बता दें कि मरकामपाल गांव के लोग जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर पानी लेने जाते हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण आज तक गांव में पुल नहीं बन पाया है, जिस कारण ये गांव अब तक विकास से अछूता रहा. कई लोगों ने तो इस गांव का नाम तक नहीं सुना था.

ग्रामीणों ने विधायक को बताई समस्या

मरकामपाल के कुछ ग्रामीणों ने पहले कोंडागांव विधायक से मिलकर उन्हें गांव की समस्याओं से अवगत कराया था. जिसके बाद विधायक ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए खुद ही गांव पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याओं के बारे ने जाना. विधायक ने कुछ समस्याओं को तुरंत ही सुलझाया और कुछ समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया.

कुंए के सहारे प्यास बुझा रहे थे ग्रामीण

इस गांव में आजादी के बाद से ग्रामीणों के लिए अब तक एक हैंडपंप तक नहीं लगवाया गया था. ग्रामीण कुआं और कुछ जल स्त्रोतों के सहारे अपनी प्यास बुझाते थे.

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