कोंडागांव: आजादी के सात दशक बाद पहली बार किसी जनप्रतिनिधि ने कोंडागांव के अतिसंवेदनशील ग्राम छोर पर बसे मरकामपाल गांव की सुध ली है. इस गांव के पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के आदिवासी ग्रामीणों को साफ पानी पीने के लिए एक हैंडपंप तक नसीब नहीं था.
नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप प्रशासनिक अमले के साथ मरकामपाल गांव पहुंचे. जहां उन्होंने ग्रामीणों को हैंडपंप की सौगात दी और साथ ही गांव में जल्द ही स्कूल, आंगनबाडी और स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का आश्वासन भी दिया.
गांव में नहीं है पुलिया
बता दें कि मरकामपाल गांव के लोग जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर पानी लेने जाते हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण आज तक गांव में पुल नहीं बन पाया है, जिस कारण ये गांव अब तक विकास से अछूता रहा. कई लोगों ने तो इस गांव का नाम तक नहीं सुना था.