कोंडागांव: शहीद हवलदार शिवलाल नेताम ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. यह बलिदान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के स्वर्णिम इतिहास के सुनहरे पन्नों में अमिट हो गया. समूचा देश शहीद हवलदार शिवलाल नेताम की शहादत को नमन करता है. शहीद हवलदार शिवलाल नेताम के परिवार में उनकी पत्नी हेमलता नेताम और दो बेटियां हैं.
कोंडागांव पहुंचे सीआरपीएफ के पुलिस महानिरीक्षक प्रकाश डी ने शहीद हवलदार शिवलाल नेताम वाटिका के उद्घाटन किया. उन्होंने शहीद परिवार को सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि शहीद हवलदार शिवलाल नेताम की स्मृति में सीआरपीएफ 188 बटालियन कोंडागांव ने इस वाटिका का निर्माण किया है. शहीद की पत्नी और बेटियों की मौजूदगी में उद्घाटन किया गया.
शहीद शिवलाल नेताम वाटिका का उद्घाटन सीआरपीएफ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है. इस दौरान शहीद होने वाले सीआरपीएफ के जवानों के परिवार जनों के साथ सीआरपीएफ हमेशा उनकी सेवा में तत्पर रहती है. आज इसी कड़ी में शहीद हवलदार शिवलाल नेताम की स्मृति में इस वाटिका का उद्घाटन किया जा रहा है.
इस मौके पर शहीद हवलदार शिवलाल नेताम की पत्नी ने कहा कि वे गौरवान्वित महसूस कर रही हैं कि वे सीआरपीएफ सुरक्षा बल का एक हिस्सा हैं. देश की सुरक्षा के लिए उनके पति ने बलिदान दिया है.
शहीद शिवलाल नेताम का जन्म 9 दिसंबर सन 1979 को छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की फरसगांव तहसील के ग्राम पतोड़ा में हुआ था. बचपन से ही इन्हें देश सेवा के लिए पुलिस फोर्स में भर्ती होने की रूचि थी. मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने 8 मार्च 2003 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को ज्वॉइन किया था.
बुनियादी प्रशिक्षण के बाद इन्होंने देश के विभिन्न राज्यों मध्यप्रदेश, आसाम, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ में सेवाएं दीं. 7 अप्रैल 2020 को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के बीज बेहेरा इलाके के पदशाही बाग और अरवानी क्रॉसिंग में शाम 5:15 बजे एक आतंकवादी ने अचानक नजदीकी गली से निकलकर पार्टी के ऊपर ग्रेनेड से हमला कर दिया लेकिन ग्रेनेड फटा नहीं. हवलदार शिवलाल नेताम ने भाग रहे आतंकवादी को फायर से कवर करने की कोशिश लेकिन भागते हुए आतंकवादी ने हवलदार शिवलाल नेताम पर फायर कर दिया.
दुर्भाग्यवश वह गोली शिवलाल नेताम के बुलेट प्रूफ जैकेट के साइड से सीने के दाहिने हिस्से में प्रवेश कर गई. तत्काल हवलदार शिवलाल नेताम को चिकित्सकीय उपचार के लिए बिज बेहरा अस्पताल लाया गया लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें बचाया नहीं जा सका.