कोंडागांव: कोंडागांव ने नया कीर्तिमान रचा है. देश के 114 जिलों को पछाड़कर 'नावा बेस्ट नार' में नंबर वन बना है. केंद्र सरकार ने देश के पिछड़े जिलों को चिन्हित कर एक अभियान चलाया था, जिसमें 114 पिछड़े जिलों को 'नावा बेस्ट नार' अभियान से जोडा गया. अभियान में सभी जिलों को बराबर सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं, जिसमें कोंडागांव विकास रैकिंग में देश के 114 जिलों को पछाड़ते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
बता दें कि कोंडागांव देश के सभी जिलों में सबसे पिछड़ा जिला था, जिसको केंद्र सरकार की नीति और कलेक्टर के नई पहल ने विकास के उंचाइयों तक पहुंचाया है. जिलें में हर समस्याओं को दूर करने की कोशिश की गई है, जिसमें ग्रामीणों को 'नावा बेस्ट नार' अभियान से जोड़ा गया और उनकी सभी समस्याओं को हल करने की कोशिश की गई है, जिसमें 'नावा बेस्ट नार' योजना कारगर साबित हुई है.
ग्रामीणों की मदद से बना नंबर वन
मामले में ETV भारत ने कोंडागांव की जनता और यहां के कलेक्टर से बात की. इस पर कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने कहा कि यहां की जनता, जनप्रतिनिधि, साथी अधिकरी और कर्मचारियों के साथ मिलकर जिले को नंबर वन की रैंकिंग तक पहुंचाया. कोंडागांव बहुत ही पिछड़ा जिला था. यहां विकास ने कभी पर नहीं फैलाया था, जिसको 'नावा बेस्ट नार' अभियान की मदद से देश में नंबर वन बना है.
311 गांवों को किया गया शामिल
कलेक्टर ने बताया कि गोंडी और अंग्रेजी भाषा से मिलकर बनी एक लाइन 'नावा बेस्ट नार' जिसका अर्थ होता है 'मेरा अच्छा गांव'. इसी तर्ज में कोंडागांव कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने जिले के सभी 311 गांव के विकास के लिए ग्रामीणों की एक कमेटी तैयार की, जिसमें गांव के ही लोगों को शामिल किया गया और इन सभी ग्राम पंचायतों में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो गांव से जुड़ी समस्याओं को समिति हर हफ्ते हल करती है.