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केशकाल किसान आत्महत्या: जेसीसीजे कार्यकर्ता आमरण अनशन पर बैठे

कोंडागांव के केशकाल में दिसंबर महीने में किसान आत्महत्या मामले में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. जेसीसी ने प्रशासन से किसान की दोनों बेटियों को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी और परिवार को 25 लाख रुपयों का मुआवजा देने की मांग की है.

JCCJ protest against keshkal farmer suicide case in kondagaon
केशकाल किसान आत्महत्या को लेकर जेसीसीजे के कार्यकर्ता आमरण अनशन पर बैठे

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Published : Feb 11, 2021, 3:28 PM IST

कोंडागांव: लगभग दो महीने पहले बड़ेराजपुर ब्लॉक में एक किसान ने रकबे में भारी भरकम कटौती के कारण आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिलाध्यक्ष नरेंद्र नेताम समेत जेसीसीजे कार्यकर्ता आमरण अनशन पर बैठे हैं. जेसीसीजे की मांग है कि किसान की दोनों बेटियों को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी मिले. साथ ही परिवार को 25 लाख रुपयों का मुआवजा देने की मांग की है.

केशकाल किसान आत्महत्या को लेकर जेसीसीजे के कार्यकर्ता आमरण अनशन पर बैठे

'प्रशासन की गलती से किसान ने की थी आत्महत्या'

जेसीसीजे के कार्यकर्ताओं ने किसान को आत्महत्या करने के लिए कथित रूप से मजबूर करने वाले बैंक कर्मचारी, तहसीलदार और पटवारी पर भी कार्रवाई करने की मांग की है. पहले भी इस मामले में किसान के परिवार के साथ जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर हजारों लोगों के साथ अमित जोगी ने विरोध प्रदर्शन किया था. जेसीसीजे के कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशासन की गलती से किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुआ.

केशकाल किसान आत्महत्या : पटवारी निलंबित, तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस

मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा अनशन

नरेंद्र नेताम ने कहा कि जब तक ये दोनों मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं, तो वे अनशन पर बैठे रहेंगे. हालांकि इस मामले में कलेक्टर ने पटवारी को निलंबित कर दिया था. वहीं तहसीलदार को भी कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था.

किसान आत्महत्या के आंकड़ों पर एक नजर

  • नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक 2019 में कृषि क्षेत्र से जुड़ें 10 हजार 281 लोगों ने आत्महत्या की थी.
  • इसमें 5 हजार 957 किसान और 4 हजार 324 खेतिहर मजदूर शामिल हैं.
  • यह संख्या देश में 2019 के आत्महत्या के कुल 1 लाख 39 हजार 123 मामलों का 7.4 प्रतिशत है.
  • इससे पहले 2018 में खेती किसानी करने वाले कुल 10 हजार 349 लोगों ने आत्महत्या की थी.
  • यह संख्या उस साल के कुल आत्महत्या के मामलों का 7.7 प्रतिशत थी.

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