कोंडागांव :जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत कई सड़कों का निर्माण हो रहा है, जिसमें मिट्टी, मुरूम, रेत का अवैध तरीके से उत्खनन कर उपयोग किया जा रहा है. पर जिले में अवैध खनन और परिवहन के नाम 'अंधेर नगरी चौपट राजा ' वाली कहावत चरितार्थ हो रही (Illegal mining and transportation in Kondagaon) है. जिले में कहीं पर भी सड़क निर्माण के लिए ठेकेदार खुलेआम अवैध खनन और परिवहन कर रहे हैं, जिसे रोकने वाला कोई नहीं है.
अवैध उत्खनन का शोर लेकिन अफसर दिख रहे कमजोर कहां का है मामला :जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूर बड़े कनेरा क्षेत्र में खुलेआम (Illegal mining in Kondagaon Bade Kanera area) मुरुम, मिट्टी सहित अन्य खनिज का अवैध तरीके से उत्खनन और परिवहन ठेकेदार कर रहा है. दिनदहाड़े जेसीबी, हाइवा लगाकर अवैध तरीके से खनन और परिवहन किया जा रहा है. इस लुटती खनिज संपदा को बचाने वाला कोई नहीं है. इस मामले में खनिज और प्रशासन के अधिकारियों को सूचना देने पर भी, कोई जांच या कार्रवाई करने नहीं पहुंचा.कार्रवाई न होने से ठेकेदार के हौंसले बुलंद हैं और जमकर मनमानी जारी है.
कहां-कहां हो रहा अवैध उत्खनन : अवैध खनन को लेकर पूरे जिले का यही हाल है. जिला मुख्यालय (Kondagaon samachar) आसपास की बात की जाए तो मनमाना खनन चल रहा है. बड़े कनेरा गौठान के पास सैकड़ों हाइवा रेत डंप किया गया है. विश्रामपुरी क्षेत्र में भी मनमाना खनन चल रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार मांडोकी खरगांव में स्थित नदी में रात होते ही खनन शुरू हो जाता है, लेकिन न खनिज विभाग और ना ही पुलिस कार्रवाई कर रही. राजस्व और प्रशासन के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
क्या कर रहा है खनिज विभाग : जिले में रेत, मुरुम, गिट्टी, मिट्टी सहित अन्य खनिज संपदा के मनमाने दोहन को रोकने, मानकों के अनुसार ही खदान स्वीकृत करने और माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए खनिज विभाग मुस्तैद है, लेकिन यह विभाग सिर्फ मुंह दिखाई कर रहा है. क्षेत्रवासियों का कहना है कि जिला खनिज अधिकारी (Officers of Kondagaon Mineral Department) गौतम नेताम और निरीक्षक नेहा टंडन को अवैध खनन, परिवहन से कोई सरोकार नहीं हैं. सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है.
अब अधिकारियों की जान लिजिए राय : खनिज निरीक्षक नेहा टंडन से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि''गुलाबचंद जैन ठेकेदार को पल्ली ग्राम पंचायत में मुरुम उत्खनन एवं परिवहन की परमिशन दी गई है. यदि वह कहीं और से मुरुम का खनन और परिवहन कर रहे हैं तो वह अवैधानिक है. मैं फिलहाल छुट्टी पर हूं, जांच पश्चात नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. '' वहीं एसडीएम कोंडागांव सीके ठाकुर ने कहा कि ''मैं हास्पिटल में हूं. आप तहसीलदार से संपर्क करें. जब टीम तहसीलदार के पास पहुंची तो तहसीलदार कोंडागांव विजय मिश्रा कहा कि '' खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी इस काम के लिए मोटी- मोटी तनख्वाह लेते हैं, एक बार आप उनसे संपर्क करें.''
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हर किसी के पास है बहाना : तो ये है जिले के जिम्मेदार अधिकारियों का रवैया. जब इनसे संपर्क किया जाता है तो सब एक दूसरे पर जिम्मेदारियां थोपते नजर आते (Chattishgarh samachar )हैं. जिले के कलेक्टर को समय सीमा की समीक्षा बैठकों में यह अधिकारी सिर्फ और सिर्फ कागजों में ही बेहतर कार्य करने का रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं, धरातल पर स्थिति कुछ और ही नजर आ रहा है.जानकारों की मानें तो अधिकांश मामलों में खनिज विभाग की मूक सहमति और प्रशासन की अनदेखी है. ठेकेदार खुलेआम खनिज संपदा का दोहन कर रहे हैं और जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे.आपको बता दें कि कोंडागांव जिले में मुरुम का एक भी घोषित खदान नहीं है.फिर भी मुरुम उपलब्ध है.