कोंडागांव:पिछले कई सालों से केशकाल घाटी में रहने वाले बंदर दोपहर के समय अपना समय व्यतीत करने के लिए सड़कों के किनारे आकर बैठ जाते हैं, जिन्हें घाटी से आने-जाने वाले लोग रोजाना कुछ न कुछ खाने का देकर जाते हैं. लॉकडाउन के मद्देनजर घाट में गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई थी. घाटी में रहने वाले बंदरों को खाने-पीने की दिक्कत होती होगी यह सोच कर केशकाल के स्थानीय लोग हर दिन घाटी के बंदरों के लिए कुछ न कुछ खाने-पीने का सामान देने लगे थे.
आम लोग जो चीजें दैनिक जीवन में खाते हैं, वही बंदरों को भी दिया जा रहा था, जिसकी वजह से कई बंदरों की तबियत बिगड़ने लगी थी. इसे ध्यान में रखते हुए केशकाल वन विभाग ने इस मामले को संज्ञान में लिया है. बंदरों की सुरक्षा को देखते हुए घाटी के कई मोड़ पर निर्देश बोर्ड लगाया गया है. जिसमें बंदरों को किसी प्रकार की खाद्य सामग्री न देने के निर्देश दिए गए हैं.