छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

बड़कनेरा धान खरीदी केंद्र में बड़ी अनियमितता, बदहाल व्यवस्था के बीच किसान कर रहे हैं हमाली - Farmers told their problems

छत्तीसगढ़ में 1 नवंबर से धान की खरीदी शुरु हो चुकी है. जिला कलेक्टरों ने किसानों के लिए पेयजल, शौचालय, बारदाना की उचित व्यवस्था रखने सख्त निर्देश दिए हैं. कोंडागांव के बड़ेकनेरा धान खरीदी केंद्र में किसान बदहाल व्यवस्था के बीच खुद ही हमाली करनी पड़ रही है.

Badeknera Paddy Purchase Center
बड़ेकनेरा धान खरीदी केंद्र

By

Published : Nov 21, 2022, 1:07 PM IST

कोंडागांव: प्रदेश भर में 1 नवंबर से धान की खरीदी की शुरुआत हो चुकी है. धान बेचने के दौरान किसानों को धान खरीदी केंद्र में किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों ने विशेष निर्देश भी जारी किए हैं. जिसमें किसानों के लिए पेयजल, शौचालय, बारदाना, किसानों के लिए आहता की उचित व्यवस्था रखने सख्त निर्देश दिए गए हैं.

बड़ेकनेरा धान खरीदी केंद्र

धान खरीदी केंद्र का हाल बेहाल: जहां पूरे प्रदेश में 1 नवंबर से धान की खरीदी की शुरुआत हो चुकी है वही बड़ेकनेरा धान खरीदी केंद्र में किसान बदहाल व्यवस्था के बीच हमाली करते हुए नजर आए. धान कटाई मिजाई में देरी की वजह से बड़ेकनेरा धान खरीदी केंद्र के अंतर्गत आने वाले किसान 15 नवंबर 2022 से धान बेचने केंद्र पर पहुंचे. इस बीच धान खरीदी केंद्र के प्रभारी एवं लैंप्स प्रबंधक ने किसानों के लिए किसी भी प्रकार की व्यवस्था के इंतजाम नहीं किए थे. केंद्रों में कलेक्टर के सख्त निर्देश के बाद भी किसानों के लिए किसी भी प्रकार की व्यवस्था ना करना चिंताजनक है.

यह भी पढ़ें: Ajit jogi family caste matter क्या कभी खत्म नहीं हो पाएगा जोगी परिवार की जाति का मामला !

किसानों ने बताई अपनी समस्याएं: बड़ेकनेरा के किसान अशोक कुमार चौहान का कहना है कि "केंद्र में जब वे धान बेचने के लिए पहुंचे तो वहां किसी भी प्रकार के हमाल की व्यवस्था नहीं होने से उन्हें खुद ही धान को तौल कर बोरों को सिलाई कर छल्ली लगाना पड़ रहा है. धान समय पर बेचना मजबूरी है तो खुद ही हमाली कर रहे हैं."


वहीं एक और किसान घनोराम का कहना है कि "हमाल ना होने की वजह से परेशानी तो हो रही है. पर धान बेचना है इसलिए तौलने से लेकर बारदानों की सिलाई करना. धान की बोरियों को छल्ली लगाने का काम वे खुद कर रहे हैं."बारदानों में मार्का लगाते हुए किसान चेतन बघेल का कहना है कि "यह सारे काम तो हमालो के हैं. पर धान बेचना है तो सारे काम हम खुद कर रहे हैं."

किसान केवलचंद पटेल का कहना है कि "उन्होंने 116 बोरा धान यहां बेचा है. जिसे उन्होंने खुद ही तौल कर सिलाई कर छल्ली लगाया. जिसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार के हमाली का कोई भी भुगतान लैंप्स प्रबंधक या धान खरीदी प्रभारी द्वारा नहीं किया गया. पेयजल की व्यवस्था तो की गई है पर शौचालय की कोई भी व्यवस्था नहीं है.

धान खरीदी प्रभारी ने बताया: धान खरीदी प्रभारी कन्हैयालाल का कहना है कि क्षेत्र में हमाल नहीं मिल पा रहे हैं. लगातार प्रयास कर रहे हैं. पर कोई भी हमाल केंद्र पर नहीं आ रहे हैं. उन्होंने किसानों को कहा कि यदि आप लोग स्वयं से कर सकते हैं तो आप अपनी व्यवस्था स्वयं कर ले.

लैंप्स प्रबंधक संजय सिंह ने बताया:बड़ेकनेरा लैंप्स प्रबंधक संजय सिंह का कहना है कि ₹ 9 प्रति क्विंटल हमाली मिलने से हमाल संतुष्ट नहीं है. जिसके कारण कोई भी हमाल धान खरीदी केंद्र हमाली करने नहीं आ रहे हैं. संजय सिंह का कहना है कि वे और उनके स्टाफ हमाली का कार्य कर रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details