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कांकेर : जुगाड़ के पुल से काम चला रहे ग्रामीण, बेखबर है प्रशासन

कांकेर के किरगापाटी गांव के लोग जुगाड़ के पुल से आवागमन करने को मजबूर हैं. प्रशासन से बार-बार शिकायत करने के बाद भी किसी ने नहीं सुनीं तो लोगों ने जुगाड़ का पुल बना लिया.

villagers of Kanker are upset over not having a bridge over the river
जुगाड़ का पुल

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Published : Feb 17, 2020, 11:44 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 12:01 AM IST

कांकेर : 10 साल पहले बारिश के दिनों में क्षतिग्रस्त हुए पुल के निर्माण के लिए ग्रामीण प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से निवेदन करते-करते थक गए. प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया और न ही जनप्रतिनिधियों ने पुल के निर्माण के लिए कोई पहल की, जिससे किरगापाटी गांव के लोग जुगाड़ के पुल के सहारे गुजर-बसर कर रहे हैं. मामला जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर किरगापाटी गांव का है.

जुगाड़ के पुल से काम चला रहे ग्रामीण

साल्हेभाट से किरगापाटी गांव जाने के मार्ग पर एक नदी पड़ती है, जिस पर बना पुल 10 साल पहले बारिश में बह गया. इसके बाद से यहां के ग्रामीण प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे. 10 वर्षों में न तो प्रशासन ने इस ओर ध्यान दिया न ही जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की फरियाद सुनीं, जिससे अब ग्रामीणों को जुगाड़ के पुल का सहारा लेना पड़ रहा है.

ग्रामीणों ने बनाई लकड़ी का पुल
जब ग्रामीणों की किसी ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही अपना जुगाड़ बना लिया. ग्रामीणों ने नदी पर लकड़ी का पुल बना लिया है, जिसमें क्षतिग्रस्त पुल के सीमेंट की पाइप को डालकर उसके ऊपर लकड़ी बिछा दी गई है, जिससे ग्रामीण आवागमन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने खुद ही श्रमदान कर इस पुल को बनाया है. अब देखना यह होगा कि बारिश के महीने के पहले प्रशासन इनकी सुनता है या इस जुगाड़ के पुल पर ही खतरा मोल लेकर इन्हें बारिश के मौसम में पुल से गुजरना पड़ेगा. ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में बच्चों को स्कूल जाने में काफी दिक्कतें होती थी, किरगापाटी गांव के बच्चे हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए साल्हेभाट और पीढ़पाल जाते हैं.

Last Updated : Feb 18, 2020, 12:01 AM IST

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