कांकेर:लॉक डाउन में ग्रामीण अंचल के लोगों को राशन की दिक्कत का सामना न करना पड़े इसलिए सरकार ने राशन वितरण का आदेश जारी किया था. जिले के नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाकों में राशन दुकान संचालक शासन के इस आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. आमाबेड़ा क्षेत्र के कोलियारी गांव में राशन दुकान संचालक ने ग्रामीणों से चावल के पैसे वसूले और इसके साथ ही अन्य सामग्री गुड़, शक्कर और मिट्टी तेल की तय कीमत से अधिक राशि लेकर अवैध वसूली कर रहे हैं.
निशुल्क चावल के ले रहे पैसे
जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर कोलियारी गांव में जब ETV भारत की टीम पहुंची और राशन वितरण का जायजा लिया तब जो बात निकलकर सामने आई, वो बेहद हैरान करने वाली थी. इस महामारी के समय शासन ने गरीब ग्रामीणों के लिए निःशुक्ल राशन की व्यवस्था की है, लेकिन यहां के दुकान संचालक ग्रामीणों से चावल के ज्यादा पैसे लेकर गरीबों से कमाई करने में लगे हुए हैं.
- शक्कर के 40 रुपये वसूले गए.
- 36 रुपये लीटर मिट्टी तेल के 40 रुपये लिए गए.
ETV भारत ने जब इस मामले की जानकारी कलेक्टर केएल चौहान को दी तो उन्होंने तत्काल मामले की जांच करने के आदेश देने की बात कही है. जानकारी है कि दुकानदारों से ग्रामीणों से एक साथ ज्यादा राशि वसूली और बिना दाम बताए सामान दिया.
काफी दिनों से चल रहा वसूली का काम
राशन सामग्री के तय मूल्य से अधिक राशि लेने का सिलसिला यहां काफी समय से चल रहा है, ग्रामीणों ने बताया कि राशन दुकान संचालक हमेशा से ही तय मूल्य से अधिक राशि लेता है और जब ग्रामीण इसका विरोध करते है तो वो आवेश में आ जाता है और ग्रामीणों से दुर्व्यवहार करता है.अंदरूनी क्षेत्रो में अधिकारियों के नहीं पहुंच पाने की वजह से ग्रामीणों को लूटा जा रहा है.
तहसीलदार को सौपी जांच की जिम्मेदारी
कलेक्टर केएल चौहान ने जानकारी मिलते ही तहसीलदार को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है, कलेक्टर ने कहा कि यह गंभीर विषय है तहसीलदार को जांच के लिए गांव में भेजा जाएगा. यदि राशन दुकान संचालक दोषी साबित होता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.