कांकेर: छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए मार्च महीने से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को सितंबर तक बंद रखा गया था. इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर सूखा राशन का वितरण कर रहे हैं. कुपोषण की रोकथाम के लिए उठाये गये इस कारगार कदम से बच्चों के पोषण स्तर को बनाये रखने में मदद मिली है. वहीं सितंबर से जिले के कुल 2 हजार 108 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया जा रहा है.
कांकेर: आंगनबाड़ी केंद्रों में 6390 गर्भवती और 8149 एनीमिक महिलाओं को दिया जा रहा है गरम भोजन - एनीमिक महिलाओं को दिया जा रहा भोजन
छत्तीसगढ़ में 7 सितंबर से आंगनबाड़ी केंद्रों को दोबारा शुरू किया गया है. जिले में कुल 2 हजार 108 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. जिसमें राष्ट्रीय पोषण माह और मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम के तहत 3 से 6 साल तक के 24 हजार 155 बच्चे, 6 हजार 390 गर्भवती और 8 हजार 149 एनिमिक महिलाओं को गरम भोजन दिया जा रहा है.
आंगनबाड़ी केंद्रों को 7 सितंबर 2020 से दोबारा शुरू किया गया है. जिले में कुल 2 हजार 108 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है जिसमें राष्ट्रीय पोषण माह और मुख्यमंत्री सुपोषण कार्यक्रम के तहत 3 से 6 साल तक के 24 हजार 155 बच्चे, 6 हजार 390 गर्भवती और 8 हजार 149 एनीमिक महिलाओं को गरम भोजन दिया जा रहा है. कंटेनमेंट जोन में आने वाले आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है.
आंगनबाड़ी केंद्रों को किया गया सैनिटाइज
आंगनबाड़ी केंद्रो को संचालन करने के पहले सैनिटाइजेशन कर ब्लीचिंग पाउडर से सफाई किया गया है. आंगनबाड़ी केंद्र में हितग्राहियों को प्रवेश करने के पूर्व साबुन से हाथ धुलाई औक सैनिटाइज कराया जा रहा है. भोजन बनाने के पूर्व बर्तनों को गरम पानी से सफाई करवाया जा रहा है. भोजन परोसते समय थाली में आवश्यकतानुसार पत्तल और केला पत्ता रखा जा रहा है. गर्भवती और एनिमिक महिलओं को आंगनबाड़ी केंद्रों में अलग-अलग समय पर बुलाया जा रहा है. ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो सके.