कांकेर: उत्तर बस्तर में नक्सलियों की मार झेल चुके पीड़ित परिवार एक बार फिर सड़क पर उतरे हैं. नक्सली प्रताड़ना के बाद पुरखों की जमीन-जायदाद छोड़ के आए पीड़ित परिवार रोजी-मजदूरी तक को तरस रहे हैं. एक तरफ वापस लौटने पर नक्सलियों के मार देने का डर है तो दूसरी ओर प्रशासन की अनदेखी. आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को उनके इनाम की राशि तक नहीं मिली है. नौकरी और घर के लिए जगह-जगह गुहार लगा रहे हैं. इन्ही मांगो को लेकर सोमवार को जिला मुख्यालय कांकेर में 200 नक्सल पीड़ित परिवार इकट्ठा हुए.
नक्सल पीड़ित एक महिला ने कहा कि सरकार हम लोग का इस्तेमाल कर रही है. जब जरूरत रहती है तो SPO गोपनीय सैनिक बना के रखती है. जब जरूरत खत्म हो जाती है तो लात मार के निकाल देती है. महिला ने आरोप लगाते कहा कि सरकार उनके रुपयों से ऐश कर रही है और वे दर-बदर भटक रहे हैं. पीड़ित परिवारों को कहना है कि उनके पास ना जमीन है, ना जायदाद है और ना नौकरी है. ना वे अपने गांव जा सकते हैं, ना शहर में रह सकते हैं.