कांकेर:छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में चैत्र नवरात्रि के पहले दिन पखांजुर क्षेत्र के बड़गांव में अद्भुत नजारा देखने को मिला. शनिवार रात पौने 8 बजे के करीब आसमान में रहस्यमयी रोशनी गुजरते देखी गई. शुरुआत में रोशनी की सिर्फ दो लाइन गुजर रही थी लेकिन धीरे-धीरे बढ़ते हुए कई भागों में बंटते चली गई. रोशनी काफी तेजी से आसमान में गुजर रही थी. आसमान में दिखे इस अद्भुत नजारें को हर कोई आश्चर्यचकित होकर देखने लगा. कयास लगाए जा रहे हैं कि आसमान में उल्कापिंड हो सकते हैं. (Mysterious light view in sky in Kanker )
कांकेर में आसमान में रहस्यमयी रोशनी का नजारा उल्कापिंड की तरह दिखने वाली चमकीली चीज का एक हिस्सा छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्र गढ़चिरौली जिले के गांव में भी गिरा. बताया जा रहा है कि आसमान से जो गिरा वह लोहे की तरह दिख रहा था और काफी गर्म था.
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कांकेर में आसमान में रहस्यमयी रोशनी का नजारा खगोल शास्त्री सुरेश चोपणे ने बताया कि 'ये दुर्लभ घटना कई लोगों ने देखी है. ये सेटेलाइट के अंश हो सकते है या फिर किसी बड़ी उल्का पिंड के अंश हो सकते हैं. किसी बड़े उल्कापिंड के टुकड़े हो सकते हैं. लेकिन इसके रंग से ये मेटेलिक चीज लग रही है. ये उपग्रह का टुकड़ा हो सकता है. महाराष्ट्र के अधिकांश इलाकों मे यह नजारा देखा गया है. इनके अरब सागर मे गिरने का अनुमान है'. मध्य प्रदेश के मालवा और निमाड़ इलाके में भी करीब आठ बजे लोगों ने आसमान से उल्कापिंड जैसी वस्तु गिरते देखी. वहां भी लोगों में इस आसमानी घटना को लेकर हैरानी है.
वैज्ञानिक बोले, उल्कापिंड की कोई मार्केट वैल्यू नहीं:लोग इनको लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है उल्का पिंड की कोई मार्केट वैल्यू नहीं होती, लेकिन वैज्ञानिक शोध में इनका इस्तेमाल होता है. उल्कापिंडों में हवा के घर्षण से आग लग जाती है और वायुमंडल में ही ये टुकड़े जल जाते हैं, लेकिन ये आकार में बड़े थे इसलिए लोगों को खूब देर तक दिखे.