छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

5 करोड़ बार राम नाम लिख कर ललित ने बनाई अद्भुत पेंटिंग्स - raam nam painting

दुनिया कहती है राम से बड़ा राम का नाम...जिनके नाम से पत्थर पानी पर तैर जाते हैं...जिनके सुमिरन से इंसान भवसागर से तर जाता है...दशरथनंदन का नाम लिख-लिख ललित दुबे ने ऐसी पेंटिग्स बनाई है कि आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे. इनका सफर जितना भक्तिमय है, किस्सा भी उतना रोचक है.

lalit-dubey-of-kanker-prepared-pictures-with-word-ram
5 करोड़ से अधिक राम नाम शब्द से तैयार किए कई चित्र

By

Published : Jan 1, 2021, 6:07 PM IST

Updated : Jan 1, 2021, 9:24 PM IST

कांकेर: कहते हैं राम का नाम लेने से हर दर्द दूर हो जाता है. राम के नाम से हर डर और संशय खत्म हो जाता है. कांकेर के रामधुनी के रहने वाले ललित दुबे ने न सिर्फ इस बात को सुना बल्कि जिया भी है. ललित राम-राम लिख कर आकृति बनाते जाते हैं. इस अनूठे कलाकार की पेंटिग्स जो देखता है, बस देखता रह जाता है. इन्होंने राम नाम लिख कर राम दरबार, राधा-कृष्ण, भगवान शिव की चित्रकला बनाई है.

5 करोड़ से अधिक राम नाम शब्द से तैयार किए कई चित्र

ललित दुबे बताते हैं कि उनके परिवार ने इस काम के लिए उन्हें प्रेरित किया. अब तक वे 5 करोड़ से अधिक बार राम नाम लिख चुके हैं. ललित दुबे को हिंदू देवी-देवताओं का चित्र बनाना काफी पसंद हैं. उन्होंने भगवान राम, भगवान कृष्ण, भोलेनाथ, हनुमान जी के साथ-साथ वायुमण्डल का चित्र बनाया है.

पीएम मोदी को भेंट करना चाहते हैं उनकी मां की पेंटिंग

साल 2015 में बाला साहब ठाकरे का चित्र भी ललित ने बनाया है. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां की पेंटिग बना चुके हैं. वे अपने हाथ से पीएम को उनकी मां की पेंटिंग गिफ्ट करना चाहते हैं. वो अपनी कुछ पेंटिग्स अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए भी भेंट करना चाहते हैं.

पीएम मोदी की मां की पेंटिंग

पढ़ें:राम वन गमन पथ: भगवान राम ने यहीं किया था पिता राजा दशरथ का पिंडदान

पेंटिंग की बारिकियों को देखकर रह जाएंगे हैरान

ललित दुबे भानुप्रतापपुर के पूर्व वन मंडल के डिप्टी मैनेजिंग डॉयरेक्टर हैं. वे बताते हैं कि राम नाम लिख कर चित्रकला बनाने की शुरुआत उन्होंने 26 साल पहले की थी. खास बात ये है कि चित्र बनाने के लिए वे न तो पेंट का उपयोग करते हैं और न ही ब्रश का. ललित सभी पेंटरों से अलग इटली की बनी स्पेशल पेन के जरिए अपनी चित्रकला तैयार करते हैं. दूर से देखने में ये पेंटिंग बेहद सामान्य लगती है. लेकिन इन पेंटिंग्स को गौर से देखने वाले इसकी बारीकियों को देखकर चौंक जाते हैं.

ललित ने सुनाया रोचक किस्सा

ललित दुबे अपने साथ हुआ एक रोचक किस्सा भी बताते हैं कि आखिर कैसे ये कला उनके दिमाग में आई. ललित बताते हैं कि जब वे 1994 में कोयलीबेड़ा क्षेत्र में कार्यरत थे, उस दौरान नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ में उनकी जान पर बन आई थी. तब उन्होंने भगवान राम का स्मरण किया. फायरिंग के बीच वे एक कागज पर राम नाम लिखते गए और अपने आप राम नाम से कलाकृति बनने लगी. इसी बीच उनकी पेन की स्याही भी खत्म हो गई थी. फिर उन्होंने पेंटर्स के ब्रश से लिखना शुरू किया था. मुठभेड़ से सुरक्षित लौटने के बाद उन्होंने सोचा कि इस कला के जरिए वे राम नाम की शक्ति दुनिया को बता सकते हैं. बस यहीं से ये सफर शुरू हो गया.

पढ़ें:राम का ननिहाल: यहां माता कौशल्या ने लिया था जन्म !

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराना चाहते हैं नाम

ललित अब तक 250 से अधिक चित्र बना चुके हैं. इस चित्रकला के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है. वे कहते हैं कि चित्रकला उनके लिए एक मेडिटेशन की तरह है. उन्होंने बताया कि आगे भी वे इसी तरह राम की भक्ति और स्मरण के साथ पेटिंग बनाते रहेंगे. ललित की इच्छा है कि इस अनूठी कला के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए.

Last Updated : Jan 1, 2021, 9:24 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details