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कांकेर : RI को जेल भेजे जाने के खिलाफ प्रदर्शन, राजस्व निरीक्षकों ने की कार्रवाई की मांग

दुर्ग जिले के धमधा में आरआई को जेल भेजे जाने के विरोध में राजस्व निरीक्षकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. रीक्षकों ने पूरे मामले में निरीक्षक कुंदन शर्मा को तत्काल जेल से रिहा करने और एसडीएम और थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग की है.

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Published : Jun 3, 2019, 7:00 PM IST

हड़ताल पर बैठे राजस्व निरीक्षक

कांकेर :दुर्ग जिले के धमधा में आरआई को जेल भेजे जाने के विरोध में राजस्व निरीक्षकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. निरीक्षकों का आरोप है कि, 'धमधा के एसडीएम और थाना प्रभारी के द्वारा उनके साथी को जबरन झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजा गया है'. निरीक्षकों ने पूरे मामले में निरीक्षक कुंदन शर्मा को तत्काल जेल से रिहा करने और एसडीएम और थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग की है.

RI को जेल भेजे जाने के खिलाफ प्रदर्शन

दरअसल, राजस्व निरीक्षक कुंदन शर्मा दुर्ग जिले के परिवर्तित शाखा में पदस्थ था, जिसे सिरनभाटा के आबादी पट्टा से संबंधित कार्य में अनियमितता के आरोप में विभिन्न धाराओं के तहत 4 मई को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया गया था.

'FIR में कुंदन का नहीं था नाम'
राजस्व निरीक्षकों का आरोप है कि, 'कुंदन शर्मा की धमधा आबादी पट्टा से संबंधित कार्य में ड्यूटी ही नहीं लगी थी, न ही उसकी पदस्थापना इस तहसील के अंतर्गत है. 1 जनवरी 2019 को चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें कुंदन शर्मा का नाम नहीं था, फिर अचानक 4 मई को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया'.

दुर्भावनावश कार्रवाई का आरोप
राजस्व निरीक्षकों का आरोप है कि, 'धमधा के एसडीएम एस.पी. वैध और थाना प्रभारी के द्वारा दुर्भावनावश मामले में आरआई कुंदन शर्मा को फंसाकर जेल भिजवाया गया है'.

दोनों के बर्खास्तगी तक जारी रहेगी हड़ताल
राजस्व निरीक्षक संघ के द्वारा मामले में एसडीएम और थाना प्रभारी के खिलाफ द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने को लेकर एफआईआर दर्ज करने और दोनों को बर्खास्त करने तक हड़ताल जारी रखने का आह्वान किया गया है. साथ ही पूरे मामले को लेकर राजस्व निरीक्षक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

राजस्व निरीक्षक संघ के जिला सचिव ईश्वर लाल नेताम ने कहा कि, 'एसडीएम और थाना प्रभारी के द्वारा जबरन उनके साथी को फंसाया गया है, ऐसी द्वेषपूर्ण कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए'.

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