रायपुर :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांकेर के ऐतिहासिक गढ़िया पहाड़ में व्यू पॉईंट का लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि नैसर्गिक और मनोरम सुंदरता से भरपूर गढ़िया पहाड़ जैसी ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार हमेशा तैयार है. ऐसे ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटन की दृष्टि से भी बेहतर बनाया जाएगा.
ढ़िया पहाड़ में व्यू पॉईंट कांकेर स्थित गढ़िया पहाड़ को जैव विविधता पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. कांकेर में ऐतिहासिक महत्व के गढ़िया पहाड़ पर जिम्मेदारिन-मटिहारिन माता का मंदिर स्थित है. इसका निर्माण कंडरा राजा धर्मदेव ने कराया था. राजा धर्मदेव अपने परिवार और ईष्टदेवी के साथ कांकेर गढ़िया पहाड़ पर उसे सुदृढ़ किले का रूप देकर निवास करने लगे थे. कंडरा राजा काल के भग्नावेश यहां आज भी देखे जा सकते हैं. इस पहाड़ में कंकऋषि के पूर्व गढ़िया देवता (गढ़िया बाबा) का निवास स्थान रहा है, इसलिए इस पहाड़ का नाम गढ़िया पहाड़ पड़ा. इसके बाद कंकऋषि से अपभ्रंश होकर कांकेर नाम से जाना जाने लगा.
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2 करोड़ की राशि की प्रदान
गढ़िया पहाड़ के बीच में आदिवासियों के वंशज कंकऋषि की गुफा के अंदर तपस्या स्थल पर आज भी काष्ठ चरण पादुका स्थित है. इसके अलावा गढ़िया पहाड़ पर दर्शनीय स्थल सिंह द्वार, धर्म द्वार, सोनई-रूपई तालाब, छुरी पगार (गुफा), टुरी हटरी, फॉसी भाठा (किला), प्राचीन शिव मंदिर, खजाना स्थल, सुरंग, झण्डा शिखर, होलिका दहन स्थल और जोगी गुफा स्थित है. मुख्यमंत्री बघेल ने गढ़िया पहाड़ के पुरातात्विक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्वरूप को बनाए रखने और पौधारोपण के कार्य के लिए कैम्पा मद से दो करोड़ रुपये भी प्रदान किए हैं. इसे चेन लिंक फेंसिंग के माध्यम से सुरक्षित किया जा रहा है. विद्युत व्यवस्था के लिए सोलर लाईट भी लगाई जा रही है.
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर कांकेर जिले के प्रभारी और ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रुद्रकुमार, आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव एवं कांकेर विधायक शिशुपाल शोरी, कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम, संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, पुलिस महानिरीक्षक आनंद छाबड़ा, पुलिस उप महानिरीक्षक विनीत खन्ना, कलेक्टर चंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक एमआर अहिरे सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे.