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शिक्षा के लिए उधार का भवन, वो भी जर्जर, नौनिहाल कैसे संवारेंगे भविष्य

जिले के कोयलीबेड़ा में बच्चे जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. शिक्षा विभाग ने अब तक इनकी कोई सुध नहीं लिया है.

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Published : Dec 19, 2019, 3:39 PM IST

Updated : Dec 19, 2019, 4:35 PM IST

Children studying in a borrowed building in Kollibeda of Kanker
उधार के भवन में पढ़ने को मजबूर बच्चे

कांकेर:एक ओर जहां सरकार बच्चों की अच्छी शिक्षा की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन बच्चों के लिए उचित व्यवस्था करने में नाकाम नजर आ रहा है. हालात ये है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देना तो दूर स्कूल के संचालन के लिए शिक्षा विभाग एक भवन तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है.

कोयलीबेड़ा विकासखंड के उलिया से प्रशासन की लापरवाही का मामला सामने आया है जहां पिछले 2 साल से पंचायत भवन में प्राथमिक शाला लगाई जा रही है. इसे शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नाकामी कहे या लापरवाही. यहां के नौनिहाल पिछले 2 साल से जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं.

शिक्षा के लिए उधार का भवन, वो भी जर्जर, नौनिहाल कैसे संवारेंगे अपना भविष्य

पंचायत भवन में स्कूल का संचालन
शिक्षक लगातार अधिकारियों को जानकारी देते रहे हैं पर अधिकारी इनकी सुध नहीं ले रहे हैं. ऐसे में शिक्षक खुद ही जिम्मेदारी उठाते हुए उधारी में पंचायत भवन में स्कूल संचालित कर रहे हैं. इसका नतीजा ये है कि जब पंचायत की बैठक होती है, तो बच्चों को खुले मैदान में पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ना पड़ता है. शिक्षा विभाग और प्रशासन बच्चों के प्रति कितना गंभीर है, इसका अंदाजा आप बच्चों की हालत से लगा सकते हैं.

पंचायत भी नहीं दिखा रही दिलचस्पी
प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर क्या है, इस बीच यदि स्कूलों में बच्चों के लिए उचित व्यवस्था न हो तो विभाग पर सवाल उठना लाजमी है. स्कूल भवन निर्माण में पंचायत समिति भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने भी दो साल से स्कूल में झांकने तक की जरूरत नहीं समझी.

Last Updated : Dec 19, 2019, 4:35 PM IST

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