Bhanupratappur vidhan sabha result 2023: भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने फिर दिया सावित्री मंडावी को टिकट, बीजपी प्रत्याशी गौतम उइके को देंगी टक्कर - bhanupratappur vidhan sabha result 2023
LIVE bhanupratappur , Chhattisgarh, Vidhan Sabha Chunav, Assembly Elections Result 2023 News Updates भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर आदिवासी समाज का दबदबा है. इस सीट पर बीजेपी ने गौतम उइके को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर सावित्री मंडावी पर भरोसा जताया है. Bhanupratappur Assembly Seat Result
भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट
By
Published : Aug 6, 2023, 5:40 PM IST
|
Updated : Dec 3, 2023, 2:23 PM IST
कांकेर:बस्तर संभाग में कुल 12 विधानसभा सीटें हैं. कहते हैं कि जिस पार्टी का इन 12 सीटों पर कब्जा हो, वो प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो जाता है. बस्तर के 12 विधानसभा सीटों में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट आदिवासियों के लिए रिजर्व है. भानुप्रतापपुर का कुल क्षेत्रफल 697 वर्ग किलोमीटर है. इसमें 695.58 किमी ग्रामीण क्षेत्र और 1.32 किमी शहरी क्षेत्र शामिल है. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज मंडावी ने यहां जीत हासिल की थी.
वहीं, मनोज मंडावी की मौत के बाद उपचुनाव में कांग्रेस ने उनकी पत्नी सावित्री मंडावी को टिकट दिया था. सावित्री ने साल 2022 के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी. इस बार भी 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सावित्री मंडावी को टिकट दिया है. इस सीट से बीजेपी ने गौतम उइके को चुनावी मैदान में उतारा है.
जानिए कौन है सावित्री मंडावी: सावित्री मंडावी मनोज मंडावी की पत्नी हैं. साल 2022 में मनोज मंडावी का हार्ट अटैक से निधन हो गया था. इसके बाद उपचुनाव में कांग्रेस ने उनकी पत्नी सावित्री मंडावी को चुनावी मैदान में उतारा था. सावित्री मंडावी ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी. साल 2022 के उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने कुल 21 हजार 171 मतों से भाजपा के ब्रम्हानंद नेताम को हरा दिया था.
जानिए कौन हैं गौतम उइके:बीजेपी ने इस बार के चुनाव में नए चेहरों को जगह दी है. इनमें गौतम उइके भी एक है. बीजेपी ने भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से गौतम को टिकट दिया है. गौतम कांग्रेस की सावित्री मंडावी को इस सीट पर टक्कर देंगे. वर्तमान में गौतम कच्चे परिवहन संघ में कार्यकारिणी सदस्य हैं. सालों से ये बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं. वहीं, इस सीट पर बीजेपी को भरोसा है कि गौतम सावित्री मंडावी को हराकर कमल खिलाएंगे.
भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट को जानिए:यह सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है. ये क्षेत्र नक्सल प्रभावित होने के कारण यहां चुनाव प्रचार एक बड़ी चुनौती है.आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यहां के ग्रामीणों का मुख्य आय का स्त्रोत वनोपज है. इस क्षेत्र में खनिज संपदा भी भरपूर है. इस विधानसभा क्षेत्र के चारों ओर पहाड़ और वन है. हालांकि शिक्षा के क्षेत्र में नारायणपुर, अंतागढ़ और केशकाल विधानसभा की तुलना में भानुप्रतापपुर में ज्यादा शिक्षित लोग हैं.
भानुप्रतापपुर में मतदाताओं की संख्या:भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 202916 मतदाता हैं. इनमें थर्ड जेंडर मतदाता भी शामिल हैं. यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या 98587 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या यहा 104329 है. यानी कि इस सीट पर पुरुषों के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है.
क्या हैं मुद्दे और समस्याएं ? :यहां की सबसे बड़ी समस्या बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं का आभाव है. यहां की सड़कें जर्जर है. साफ पेयजल न मिलने के कारण लोग अक्सर बीमार पड़ते रहते हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से लचर है. कई गांवों में स्वास्थ्य केंद्र न होने के कारण ग्रामीणों को 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल तक जाना पड़ता है. काफी समय से यहां के लोग ग्रामीण अंचलों में भी स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की मांग कर रहे हैं. जिला अस्पताल की बात करें तो वहां की स्थिति भी बद से बदतर है.भारी वाहनों की आवाजाही के कारण यहां की सड़कें पूरी तरह से जर्जर और गड्ढानुमा हो चुकी है. जिन क्षेत्रों में लौह अयस्क के खनन का काम होता है, उन क्षेत्रों में आज भी पक्की सड़कें नहीं है. सड़कें खराब होने के कारण यहां हादसा होना तो आम बात है. लंबे समय से इस क्षेत्र के ग्रामीण बाईपास सड़क की मांग कर रहे हैं. साथ ही इस क्षेत्र को भानुप्रतापपुर जिला बनाने की मांग भी कर रहे हैं.
साल 2018 के चुनाव में क्या स्थिति रही: साल 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मनोज मंडावी को 72 हजार 520 वोट मिले थे. जबकि बीजेपी प्रत्याशी देवलाल दुग्गा को 45 हजार 827 वोट मिले. कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज मंडावी ने 26 हजार 693 वोटों से पछाड़ते हुए अपनी जीत हासिल की थी. साल 2022 में भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मंडावी की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. इस वजह से यहां साल 2022 में उपचुनाव हुआ.
भानुप्रतापपुर उपचुनाव की क्या तस्वीर रही: उपचुनाव में कांग्रेस से मनोज मंडावी की पत्नी सावित्री मंडावी ने दावेदारी की. सावित्री मंडावी को कुल 65 हजार 479 वोट मिले. वहीं भाजपा से ब्रम्हानंद नेताम को 44 हजार 303 वोट प्राप्त मिले. उपचुनाव में कांग्रेस की प्रत्याशी सावित्री मंडावी ने कुल 21 हजार 171 मतों से भाजपा के ब्रम्हानंद नेताम को हराया था. भानुप्रतापपुर में कुल 44.88 फीसद वोट पड़े. कांग्रेस को 44.88 फीसद वोट मिले, जबकि भाजपा को 30.37 फीसद वोट मिले.
यहां आदिवासी समाज है विनिंग फैक्टर ?: इस सीट पर आदिवासी समाज ही निर्णायक भूमिका निभाते हैं. पूरा क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यहां आदिवासी समाज अगर किसी पार्टी से नाराज है तो उसका इस सीट पर जीत हासिल करना नामुमकिन है. यही कारण है कि इस क्षेत्र से पार्टी भी आदिवासी कैंडिडेट को चुनाव में उतारते हैं. भानुप्रतापपुर सीट में जीत-हार के लिए आदिवासी वोटर्स बड़ा फैक्टर होता है. यही कारण था कि दोनों ही पार्टियों ने पिछले चुनाव में यहां आदिवासी उम्मीदवार पर दांव लगाया था.