कांकेर: हाल के दिनों में ETV भारत से बातचीत के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने महिलाओं को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था. जिसके बाद से प्रदेश में राजनीतिक उबाल देखने को मिला. बयान पर अबतक बवाल मचा हुआ है. भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने भी उनके बयान की निंदा की है.
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने ETV भारत से कहा कि महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक एक सम्मान जनक पद पर हैं. महिलाओं के विषय को गंभीरता से लेना चाहिए. महिलाओं की सुरक्षा के लिए उन्हें काम करना है. लिव इन रिलेशनशिप पर उनका जो बयान आया है मैं उसकी निंदा करती हूंं.
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क्या कहा था किरणमयी नायक ने ?
ETV भारत से किरणमयी नायक ने कहा कि, 'लड़कियां मर्जी से गलत संबंधों में पड़ती हैं. पढ़ी-लिखी होकर गलत रिश्ते में रहती हैं फिर रिपोर्ट लिखवाने आती हैं. ऐसी लड़कियां न्याय की उम्मीद न करें क्योंकि आपने गलत किया है. ये फिल्मी तरीके हैं कि लोग लिव इन में रह रहें हैं. हीरो-हिरोइन रह रहे हैं तो यहां भी यही शुरू कर दें. ये गलत परंपरा है. इन सबके चक्कर में महिलाओं और लड़कियों को नहीं आना चाहिए.''
बयान के बाद घिरीं किरणमयी नायक
- जेसीसीजे अध्यक्ष रेणु जोगी ने कहा है कि जिम्मेदार पद पर बैठीं किरणमयी नायक का इस तरह का बयान हास्यास्पद है. रेणु जोगी ने यह भी कहा कि वह किरणमयी नायक के दिए बयान से सहमत नहीं हैं.
- धमतरी विधायक रंजना साहू ने कहा है कि एक महिला होकर महिला की अस्मिता पर सवाल उठाना गलत है. जो लोग महिलाओं की रक्षा के लिए जिम्मेदार पद पर बैठे हैं. वही रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो उन्हें सार्वजनिक जीवन से इस्तीफा दे देना चाहिए.
- रायगढ़ लोकसभा से भाजपा सांसद गोमती साय ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि इतने बड़े पोस्ट पर रहने के बाद इस तरह की बयानबाजी करना अच्छी बात नहीं है. उन्होंने लड़कियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. इसके लिए किरणमयी नायक को माफी मांगनी चाहिए.
- नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि उनका बयान ना सिर्फ छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान है बल्कि इससे प्रदेश की बेटियों और किशोरियों का भी अपमान हुआ है. उन्हें माफी मांगकर अपना बयान वापस लेना चाहिए.