कांकेर:छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित क्षेत्र (Naxal affected area) की बच्चियां अब पर्वतारोही बनने की तैयारी में जी जान लगा रही है. दरअसल, कांकेर (Kanker) जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर एक खैरखेड़ा गांव(Khairkheda Village) है, जंहा निजी गोटुल खेल एकेडमी (Gotul Sports Academy) है.एकेडमी की बच्चियां(academy girls) माउन्ट एवरेस्ट प्रिप्रेसन कोर्स (Mount Everest Preparation Course) के लिए 60 दिनों का बेसिक पर्वतारोहण कोर्स और एडवांस पर्वतारोहण कोर्स का (Basic Mountaineering Course and Advanced Mountaineering Course) सफलतापूर्वक प्रशिक्षण लेकर वापस लौटी है. दिलों में माउंट एवरेस्ट फतह करने का सपना लिए कांकेर सहित बस्तर क्षेत्र के सात बेटियों की टीम पर्वतरोहण की ट्रेनिंग के लिए सिक्किम रवाना हुई थी. सिक्किम नार्थ में स्थित लाखोकाँगयास पर्वत 5855 मीटर ऊंची है, जंहा इन सात लड़कियों ने ट्रेंनिग लिया, जिसमें सभी को A ग्रेड मिला. इनका लक्ष्य माउंट फतेह करना है, जिसकी ऊंचाई 8848 मीटर है.
स्थानीय प्रशासन ने बढ़ाया हौसला
ईटीवी भारत ने ट्रेनिंग से वापस लौटी लड़कियों से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन से हम सबका हौसला बढ़ाया था. हम पहली बार कांकेर से बाहर निकले थे.हमारे क्षेत्र में काले बड़े पत्थर बस देखे थे लेकिन वंहा तो बड़े बड़े बर्फ के पत्थर है हमारा लक्ष्य है कि हम जल्द माउंट फतेह करेंगे. बच्चियों ने बताया कि हमारा सपना है कि बस्तर को आगे बढ़ाए, नशा मुक्ति की ओर कदम बढ़ाए. बता दे कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अब 2023 में होने वाले एवरेस्ट मिशन में शामिल होने का अवसर इन बच्चियों को मिलेगा. बता दें कि टीम के कोच बंशी नेताम कुछ साल पहले काला नाग पर्वत की चढ़ाई कर चुके हैं और वे अब एवरेस्ट की चढ़ाई करना चाहते हैं.