कांकेर :छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित संभाग (naxal affected division) बस्तर की बेटी पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ (Mountaineer Naina Singh Dhakad) ने विश्व के सबसे ऊंचे शिखर माउंट एवरेस्ट (mount everest) और विश्व की चौथी ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (Mount Lhotse) पर भारतीय तिरंगा फहराकर प्रदेश की महिलाओं के लिए एक नजीर पेश की. यह बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाली नैना छत्तीसगढ़ की पहली महिला है. इतना ही नहीं बस्तर की बेटियां अब राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी अपना लोहा मनवा रही हैं. इसी कड़ी में शनिवार को उत्तर बस्तर की 7 लड़कियां सिक्किम में पर्वतारोहण (mountaineering) के लिए रवाना हुईं. कांकेर के खेरखेड़ा में संचालित गोटूल स्पोर्ट्स एकेडमी की ये सभी 7 लड़कियां पर्वतारोहण के लिए कांकेर से निकलीं, जिन्हें विधायक सह संसदीय सचिव शिशुपाल शोरी ने सिक्किम रवाना किया.
एवरेस्ट फतह का सपना लिये सिक्किम रवाना हुईं बस्तर की 7 बेटियां
नक्सल प्रभावित संभाग बस्तर की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ से प्रेरित होकर एक बार फिर से बस्तर की सात बेटियां एवरेस्ट फतह का सपना लेकर सिक्किम रवाना हुईं.
पर्वतारोहण के निकली 7 लड़कियों के कोच बंशी नेताम ने बताया कि हमारी 8 सदस्यीय टीम बेसिक एडवांस पर्वतारोहण के लिए रवाना हो रही है. आने वाले समय में एवरेस्ट प्रिपरेशन का कोर्स करने वाले हैं. उन्होंने बताया कि हमारी एक एकेडमी भी संचालित होती है. वहां का मैं कोच हैं. गोटूल स्पोर्ट्स एकेडमी में 120 बच्चे विभिन्न प्रकार के खेल गतिविधियों की ट्रेनिग लेते हैं. कई बच्चों का विभिन्न जगह सलेक्शन भी हुआ है.
इस मौके पर संसदीय सचिव सह विधायक शिशुपाल शोरी ने कहा कि बस्तर की बेटियां हर क्षेत्र में कमाल कर रही हैं. एक मिसाल कुछ दिन पहले ऊंचे शिखर माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली नैना सिंह हैं. इन बच्चों में भी मैं उत्साह देख रहा हूं. आज ये बच्चियां माउंट एवरेस्ट फतह करने के मजबूत इरादे से सिक्किम जा रही हैं. मैं इनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं.