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कवर्धा में निजी हॉस्पिटल प्रबंधन की बड़ी लापरवही, सड़क किनारे फेंका बायो मेडिकल वेस्ट - Waste medicine being thrown in the open in Kawardha

कवर्धा में निजी हॉस्पिटल (Sneha Hospital) ने वेस्ट मेडिसिन और बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में सड़क किनारे फेंक दिया है. जिसे मवेशी खा रहे हैं. इसके साथ ही आने-जाने वाले राहगीरों पर भी इसका असर हो रहा है.

Sneha Hospital management threw waste medicine in the open
स्नेहा हॉस्पिटल प्रबंधन ने खुले में फेंकी वेस्ट मेडिसिन

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Published : Jun 24, 2021, 6:04 PM IST

कवर्धाःजिला मुख्यालय बस स्टेंड के पास स्थित निजी हॉस्पिटल प्रबंधन (Sneha Hospital Management) की लापरवाही समने आई है. स्नेहा अस्पताल प्रबंधन ने हॉस्पिटल के सामने सड़क किनारे वेस्ट मेडिसिन, इंजेक्शन, दवा, मास्क, दस्ताने और अन्य मेडिकल वेस्ट को फेंक दिया है. जिसे बाहर घूमने वाले मवेशी खा रहे हैं. इस लापरवाही से मवेशियों के साथ-साथ आम लोगों में भी इंफेक्शन फैलने का खतरा बना हुआ है.

स्नेहा हॉस्पिटल प्रबंधन ने खुले में फेंकी वेस्ट मेडिसिन

बायोमेडिकल के तहत डाला जाता वेस्ट मेडिसिन

इस निजी अस्पताल में कोरोना मरीजों का भी इलाज किया जाता है. जिससे अस्पताल का कचरा खुले में फेंकना अपराध की श्रेणी में आता है. जिसपर प्रशासन कार्रवाई भी कर सकती है.

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जांच कर होगी कार्रवाई

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार मंडल ने कहा किजिले का कोई भी हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर्स प्रबंधन बायो वेस्ट को सड़क पर या खुले स्थान पर फेंकते है तो उन पर बायोमेडिकल मेडिकल वेस्ट के तहत कारवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल प्रबंधन ने सड़क पर वेस्ट मेडिसिन फेंकी है तो इसकी जांच कर प्रबंधन पर कारवाई की जाएगी.

बायो मेडिकल वेस्ट

कोरोना काल में बायो मेडिकल वेस्ट बढ़ गया है. जिससे इसका सही तरह से डिस्पोज नहीं करने पर इससे फैलने वाली बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है. इस समय कोविड केयर सेंटर और हॉस्पिटल से ज्यादा वेस्ट निकल रहा है. क्योंकि पहले मास्क और पीपीई किट का इस्तेमाल पहले ज्यादा नहीं होता था. लेकिन अब इसकी संख्या ज्यादा है. पीपीई किट को रेड कलर के डस्टबिन रखा जाता है. फिर उसे सावधानी पूर्वक डिस्पोज किया जाता है. बायोमेडिकल वेस्ट को उनकी प्रकृति के हिसाब से रेड डस्टबिन, ब्लू डस्टबिन, व्हाइट डस्टबिन, यलो डस्टबिन में डाला जाता है. जिसके बाद उनको अलग किया जाता है. उनका वजन भी लिया जाता है. जिस कलर का डस्टबिन होता है उसी कलर का पॉलिथीन बैग होता है. उसमें बायोमेडिकल वेस्ट रखकर फायनल डिस्पोजल किया जाता है.

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