कवर्धा:बीते दो साल से नक्सली जिले में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी वजह से वो समय-समय पर बैनर और पोस्टर के जरिए यहां रहने वाले ग्रामीणों में दहशत फैलाने की कोशिश भी करते रहते हैं.
जंगल से घिरे इलाकों में अपनी पैठ बनाने के लिए नक्सली ग्रामीणों में दहशत फैलाने का काम कर रहे हैं. बस्तर में पुलिस के बढ़ते दबाव से नक्सली नई जगह पर अपना गढ़ बनाने की तलाश में हैं. ज्यादातर क्षेत्र वनांचल से घिरा हुआ है और MMC जोन यानी कि मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ को नक्सलियों के लिए बेहद सेफ जोन माना जाता है. यही कारण है कि बीते दो सालों में कवर्धा जिले में नक्सलियों की धमक और वारदात बढ़ी है.
नक्सलियों की संख्या पुलिस के आंकड़ों से कई गुना ज्यादा की आशंका
पुलिस कप्तान मानते हैं कि, जिले में विस्तार प्लाटून 02 और 03 के करीब 70 सक्रिय नक्सली सक्रिय हैं. पिछले दो साल में जिले में नक्सली वारदातों पर नजर डालें तो, नक्सलियों द्वारा पर्चे फेंकने, हत्या, तेंदूपत्ता फड़ संग्राहकों सहित वनांचल के शासकीय कर्मचारियों और लोगों से उगाही करने की सुगबुगाहट आती रही है, ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि नक्सलियों की संख्या पुलिस के आंकड़ों से कई गुना ज्यादा हो सकती है.
अतिसंवेदनशील इलाकों में नए बेस कैंप
पुलिस का मानना है कि पोस्टर चस्पा करने का उद्देश्य नक्सल विरोधी अभियान के तहत जागरूकता लाना है. पोस्टर में उन नक्सलियों की फोटो है, जो कई वारदातों में शामिल रहें हैं और इनामी भी हैं. यही कारण है कि पुलिस अब थानों के साथ साथ वनांचल के बाजार और चौंक-चौराहों में भी पोस्टर चस्पा कर रही है और वनांचल के अतिसंवेदनशील इलाकों में नए बेस कैंप बनाने की सोच रही है.