Planted Paddy On Road: कवर्धा में सड़क निर्माण की मांग को लेकर जोगी कांग्रेस का प्रदर्शन, सड़क पर की धान की रोपाई
Planted Paddy On Road In Kawardha: सड़क निमार्ण की मांग को लेकर जोगी कांग्रेस ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों ने साथ सड़क पर बैठकर धान की रोपाई की. Jogi Congress unique protest for road
जोगी कांग्रेस का विरोध
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Published : Aug 4, 2023, 11:37 PM IST
सड़क पर धान रोपकर विरोध प्रदर्शन
कवर्धा:पंडरिया में ग्रामीणों ने सड़क सहित अन्य 6 मांगों को लेकर कीचड़ में बैठकर बघेल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इन ग्रामीणों ने बीच सड़क पर धान रोपाई कर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. इस दौरान इन ग्रामीणों के साथ जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता भी थे. जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने ग्रामीणों के साथ सड़क बनाने की मांग की.
तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन:पंडरिया ब्लॉक के कोयलारी कला गांव के लोगों ने विरोध किया. सभी ग्रामीण और जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता जर्जर सड़क पर बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.
हमारे क्षेत्र में कई ऐसे गांव हैं, जो सड़क देखने तक को तरस रहे हैं. पंडरिया विकासखंड के कोयलारी कला गांव, जहां सिर्फ एक किलोमीटर सड़क को छोड़ दिया गया है. उसके निर्माण के लिए हम विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बीच सड़क पर कीचड़ में धान रोपाई कर विरोध कर रहे हैं. सड़क न होने से गांव वालों को काफी दिक्कतें हो रही है.-अश्वनी यदु, जिला अध्यक्ष, अजित जोगी युवा मोर्चा कवर्धा
सिर्फ कागजों पर सुधारी जा रही सड़क: प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पंडरिया ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें जर्जर है. इन सड़कों पर जगह-जगह गड्ढा है. थोड़ी सी ही बारिश में ये सड़कें डूब जाती है. बारिश के दिनों में कीचड़ होने के कारण लोगों को सड़कों पर चलने में काफी दिक्कतें होती है. कई बार लोग गिर जाते हैं.
इस आंदोलन के माध्यम से हम मुख्यमंत्री जी से अनुरोध कर रहे हैं कि तुरंत कार्रवाई करें. पंडरिया की सड़क पंद्रह साल से बर्बाद है. इन पांच सालों में और भी जर्जर हो गई है. लोगों को आवाजाही में दिक्कतें हो रही है. -रवि चंद्रवंशी, प्रदेश अध्यक्ष, अजीत जोगी छात्र विंग
हादसे का बना रहता है खतरा: बारिश के दिनों में इन सड़कों पर दुर्घटना का खतरा बना रहता है.ग्रामीणों का आरोप है कि सड़कों पर कोई सुधार नहीं हो रहा है. सभी सड़कें समय से पहले उखड़ चुकी हैं. कई आंदोलन कई प्रदर्शन के बाद भी हालात वैसे ही बने हुए हैं. बेशक कागजों में सड़कों को सुधारा जा रहा है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है.