कवर्धा:महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा / MNREGA) में कवर्धा जिला पूरे प्रदेश में अव्वल रहा है. लॉकडाउन में लौटे मजदूरों के लिए मनरेगा योजना वरदान साबित हुई है. माह अप्रैल, मई और जून के दौरान जिले में लगभग 16 सौ कार्य चल रहे थे. जिसमें 1 लाख 60 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार देने का कीर्तिमान स्थापित हुआ.
मनरेगा में कवर्धा जिला छत्तीसगढ़ में अव्वल वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक जिले के 9 हजार 165 परिवारों को 100 दिनों रोजगार उपलब्ध कराया गया है. कवर्धा जिले में इस योजना के तहत 1 लाख 81 हजार 7 सौ 83 परिवार पंजीकृत हैं. इन पंजीकृत परिवारों में 1 लाख 50 हजार 340 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 68 लाख 68 हजार 445 मानव दिवस रोजगार का सृजन करते हुए ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है जो कि चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य का 81 प्रतिशत है.
278 पंचायतों में चल रहे 874 कार्य
वर्तमान में कवर्धा जिले के 278 ग्राम पंचायतों में 874 कार्य ग्रामीणों की मांग पर चल रहे हैं. पंजीकृत परिवारों को 100 दिवस रोजगार देने में कवर्धा जिला लगातार पिछले वर्ष से अव्वल बना हुआ है. चालू वर्ष की शुरूआत से ही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भी पंजीकृत परिवारों को रोजगार देने में कीर्तिमान स्थापित किया गया है.
पढ़ें-शांत मानसरोवर डैम की बदली सूरत, नारायणपुर को मिला नया पर्यटन स्थल
लॉकडाउन में मनरेगा योजना बनी वरदान
वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जब ग्रामीणों को लॉकडाउन के समय अपने गांव में रोजगार का अवसर मिला उनके लिए यह किसी वरदान से कम नहीं था. लॉकडाउन के समय निर्धारित सभी जरूरी मानकों का पालन करते हुए ग्रामीण को कार्य में जुटाया गया. साथ ही 6019 प्रवासी मजदूर परिवारों को भी योजना से जोड़कर समयावधि में रोजगार उपलब्ध कराया गया. यही कारण है कि इस वित्त वर्ष में लगातार निर्माण कार्य में मजदूरों को नियोजित करते हुए 90 प्रतिशत से अधिक पंजीकृत मजदूरों को काम का अवसर मिल गया.
1 लाख 60 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार देने का कीर्तिमान
माह अप्रैल, मई और जून के दौरान जिले में लगभग 16 सौ कार्य चल रहे थे. जिसमें 1 लाख 60 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार देने का कीर्तिमान स्थापित हुआ. लॉकडाउन की अवधि में महात्मा गांधी नरेगा के तहत स्वीकृत कार्य और जिला स्तर पर किए गए बेहतर प्रबंधन का ही नतीजा है कि ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिली है. ऐसे समय में जब शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर घटे हैं तब ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर और समय पर मजदूरी भुगतान बेहतर प्रबंधन से किया गया. अब तक 9 हजार से अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार प्राप्त हो सका है जो कि प्रदेश में सर्वाधिक है.
105 करोड़ रुपए मजदूरी का हुआ भुगतान
जिला पंचायत सीईओ विजय दयाराम के. ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत ग्रामीणों की मांग पर बहुत से कार्य शुरू किए गए हैं. निरंतर कार्य उपलब्ध होने के कारण ग्रामीण परिवारों को रोजगार का अवसर मिल रहा है. यही कारण है कि कवर्धा जिला प्रदेश में सर्वाधिक 100 दिनों का रोजगार देने में पिछले वर्ष से निरंतर अग्रणी बना हुआ है. इस वर्ष अभी तक 105 करोड़ से अधिक का मजदूरी भुगतान किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के बड़े ज़िलों को पीछे छोड़ते हुए कवर्धा जिला ग्रामीण परिवरों को सर्वाधिक 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध करा रहा है. साथ ही मजदूरी भुगतान का भी विशेष ध्यान रखते हुए समय पर किया जा रहा है. मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान उपलब्ध कराने में ज़िले का 98 प्रतिशत से अधिक है. निर्माण कार्यों में तालाब गहरीकरण कार्य, नया तालाब निर्माण कार्य, डबरी निर्माण जैसे बहुत से हितग्राही मूलक कार्य ग्रामीणों की मांग पर करवाए जा रहे हैं.