कवर्धा : कहते हैं किसी स्कूल की शिक्षा का स्तर जानना हो तो स्कूल की व्यवस्था देखना जरुरी है. ऐसा ही कुछ हाल है कवर्धा के दो शासकीय स्कूलों का. जिला मुख्यालय के करीब ग्राम पंचायत छिरहा और परसाटोला की शासकीय प्राथमिक स्कूल अपनी हालत पर आंसू बहा रहे हैं. स्कूल की हालत इतनी खस्ता है कि बच्चे किताबों से ज्यादा छत की ओर टकटकी लगाए रहते हैं, क्योंकि ये छत कभी भी भरभराकर गिर सकती है.
कमरों में बच्चों का जाना प्रतिबंधित : कहने को तो स्कूल में चार कमरे हैं. लेकिन सभी कमरों में बच्चों का प्रवेश वर्जित है. क्योंकि इन कमरों की छत में लगा प्लास्टर कब का झड़ चुका है. जो छड़ें दिख रहीं हैं, उन्हें टिन और लकड़ी की मदद से रोका गया है ताकि किसी भी तरह की अनहोनी को रोका जा सके.
जिले में कई स्कूल खस्ताहाल :एक तरफ सरकार स्कूलों का जीर्णोद्धार कर रही है. दूसरी तरफ सैंकड़ों सरकारी स्कूल आज भी अपनी हालत के आगे बेबस हैं. यहां पढ़ने वाले बच्चे और पढ़ाने वाले शिक्षक दोनों की ही जान खतरे में रहती है. कुछ स्कूलों में बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाया जा रहा है. लेकिन बारिश के मौसम में इन बच्चों के स्कूल की अघोषित छुट्टियां हो जाती है, क्योंकि तब बाहर पढ़ना भी मुमकिन नहीं होता.