जशपुर: पुलिस स्मृति दिवस पर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों की याद में शहीद दिवस परेड का आयोजन किया गया. इस अवसर पर जशपुर पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने देश में अपने कर्तव्य के दौरान शहीद हुए 264 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के नाम का वाचन किया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक बालाजी राव कलेक्टर महादेव कावरे विधायक विनय भगत साहित्य पुलिसकर्मियों गणमान्य नागरिकों और शहीद परिवारों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
जशपुर में पुलिस स्मृति दिवस जशपुर पुलिस लाइन में शहीद दिवस मनाया गया. पुलिस लाइन में मौजूद अमर जवान स्मारक परिसर में शोक परेड का आयोजन किया गया. साथ ही देश के वीर शहीदों को याद कर श्रद्धांजलि दी गई. पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने देश में हुए 264 शहीदों के नाम का वाचन किया. जिसके बाद अमर जवान स्मारक पर श्रद्धांजलि दी गई.
वीर जवानों को परेड कर दी गई सलामी
इस दौरान पुलिस अधीक्षक बालाजी राव, जशपुर कलेक्टर महादेव कावरे, जशपुर विधायक विनय भगत, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उनैजा खातून अंसारी सहित शहीद परिवार के परिजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद परिवार के परिजन जब स्मारक पर पुष्प अर्पित करने पहुंचे तो उनकी आंखें भर आई. नम आंखों से परिजनों ने श्रद्धांजलि दी. शहीद परेड कर वीर जवानों को सलामी दी गई.
शहीद जवानों को दी गई सलामी इस साल 264 अधिकारी-कर्मचारी हुए शहीद
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक बालाजी राव ने बताया कि 1 अक्टूबर 2019 से 30 सितंबर 2020 तक पूरे देश में पुलिस विभाग के जितने अधिकारी-कर्मचारी शहीद हुए हैं, उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस साल पूरे देश में 264 अधिकारी-कर्मचारी शहीद हुए है, जिनके नामो का वचन कर श्रद्धांजलि दी गई.
क्यों मनाया जाता है पुलिस शहीद स्मृति दिवस ?
पुलिस शहीद स्मृति दिवस को लेकर सीआरपीएफ की बहादुरी का एक किस्सा है. आज से 61 साल पहले 21 अक्टूबर 1959 में लद्दाख में तीसरी बटालियन की एक कम्पनी को भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा के लिए लद्दाख में 'हाट-स्प्रिंग' में तैनात किया गया था. कम्पनी को टुकड़ियों में बांटकर चौकसी करने को कहा गया. जब बल के 21 जवानों का गश्ती दल 'हाट-स्प्रिंग' में गश्त कर रहा था, तभी चीनी फौज के एक बहुत बड़े दस्ते ने इस गश्ती टुकड़ी पर घात लगाकर आक्रमण कर दिया. तब बल के मात्र 21 जवानों ने चीनी आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया.
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मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ते हुए 10 शूरवीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया. हमारे बल के लिए और हम सबके लिए यह गौरव की बात है कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के इन बहादुर जवानों के बलिदान को देश के सभी केन्द्रीय पुलिस संगठनों और सभी राज्यों की सिविल पुलिस 'पुलिस स्मृति दिवस' के रूप में मनाते हैं.