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जशपुर: सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा सशस्त्र बल के अधिकारी का परिवार - माता मरियम का गोरटो

जशपुर में जमीन विवाद को लेकर SAF के कंपनी कमांडर मिखैल टोप्पो के परिवार का तथाकथित समाज के ठेकेदारों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया. पीड़ित परिवार अब न्याय के लिए भटक रहा हैं.

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न्याय की गुहार

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Published : Aug 1, 2020, 10:07 AM IST



जशपुर: आज के आधुनिक युग में भी सामाजिक बहिष्कार जैसी कुरीतियां अपने पैर पसारती जा रही है. ताजा मामला जिले के कांसाबेल जनपद क्षेत्र का है जहाँ देश की सेवा में लगे सशस्त्र बल के अधिकारी और उसके परिवार के सामाजिक बहिष्कार का मामला सामने आया है. जमीन विवाद को लेकर SAF के कंपनी कमांडर और उनके पूरे परिवार का ग्रामीणों ने सामाजिक बहिष्कार कर दिया है. इसके साथ ही समाज से बहिष्कृत परिवार से किसी भी प्रकार का संबंध रखने वाले व्यक्ति पर समाज के ठेकेदारों ने 5000 रुपये जुर्माने की सजा भी रखी है. पीड़ित परिवार ने एसपी और कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है.

कंपनी कमांडर मिखैल टोप्पो का परिवार

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न्याय के लिए भटक रहा कंपनी कमांडर का परिवार

कंपनी कमांडर मिखैल टोप्पो का परिवार
जिले के कांसाबेल थाना क्षेत्र के ग्राम मरियमटोली निवासी मिखैल टोप्पो SAF (स्पेशल आर्म्स फोर्स) में कंपनी कमांडर के पद पर पदस्थ हैं. कंपनी कमांडर खुद और उनके तीनों बच्चे बाहर रहते हैं. घर पर उनकी पत्नी अकेले रहती हैं और घर समेत खेतों की देखभाल करती हैं. मरियमटोली में इनके घर के सामने कई सालों से बने बाउंड्रीवाल को ग्रामीणों ने अवैध कब्जा बताकर राजस्व अधिकारियों को शिकायत कर तुड़वा दिया. बाउंड्रीवाल तोड़कर ईसाई समाज के चंद लोग इस जमीन पर माता मरियम का गोरटो (मंदिर) बनवाना चाहते थे.कंपनी कमांडर की पत्नी ने इसका विरोध किया, क्योंकि इस जमीन पर कई पीढ़ियों से उनका अधिकार था लेकिन ईसाई समाज के तथाकथित ठेकेदारों को कंपनी कमांडर की पत्नी का विरोध करना नागवार गुजरा और उन्होंने नाराज होकर गाँव में एक पंचायत बैठा ली और कंपनी कमांडर मिखैल टोप्पो और उनके पूरे परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया.

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समाज के तथाकथित ठेकेदारों का फरमान

पुलिस से न्याय की गुहार

समाज के ठेकेदारों ने इस परिवार के किसी भी व्यक्ति से किसी भी प्रकार का संबंध रखने वालो पर पांच हजार रुपये के जुर्माने का फरमान भी जारी कर दिया है. अब पूरे गांव के लोगों ने पिछले एक साल से इस परिवार से सभी प्रकार का संबंध खत्म कर लिया है. देश की सेवा में लगे इस अधिकारी का पूरा परिवार अलग थलग पड़ा है. गांव में कोई भी ना तो उन्हें किसी कार्यक्रम में बुलाते हैं और ना ही इनके घर कोई व्यक्ति आता है और ना ही इनसे बात करता है.

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कलेक्टर और एसपी से न्याय की गुहार
सामाजिक बहिष्कार के बाद इस परिवार को खेती-किसानी में भी तकलीफ हो रही है. गांव का कोई भी मजदूर इनके खेतो में काम नहीं करता जिसकी वजह से अब इन्हें खेतों में काम कराने दूसरे गांव से मजदूरों को बुलाना पड़ रहा है. पीड़ित परिवार ने जिले के कलेक्टर और एसपी से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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