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जशपुर: गर्भवती को खाट पर लिटाकर पहुंचाया अस्पताल, लाचार सिस्टम की लचर व्यवस्था उजागर!

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Published : Sep 1, 2020, 5:50 PM IST

जशुपर के जबला गांव में सिस्टम की लचर व्यवस्था की तस्वीर सामने आई है, जहां एक गर्भवती महिला को खाट में लिटाकर अस्पताल पहुंचाया गया. ग्रामीणों के मुताबिक उनके गांव से मुख्य मार्ग तक आने-जाने के लिए कोई सड़क नहीं है, जिससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

pregnant lady Transported to hospital by cot
जशपुर में सिस्टम की खुली पोल

जशपुर:जिले में एक बार फिर सरकार के विकास के बड़े दावे फेल होते नजर आए. लाचार सिस्टम की लचर व्यवस्था उजागर हुई है. जशपुर में एक गर्भवती महिला को खाट पर ढोकर अस्पताल लाया गया. ग्राम जबला जाने के लिए ना तो सड़क है और ना ही नदी में पुल जिसकी वजह से इस इलाके में रहने वाले लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में ज्यादा दिक्कत होती है.

जशपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की खुली पोल

ग्रामीणों ने बताया कि गर्भवती को खाट पर ढोकर ग्राम जबला से ग्राम अम्बा कछार तक लाया गया. जहां से निजी वाहन लेकर कुनकुरी अस्पताल पहुंचाया गया. ग्रामीणों ने बताया कि एंबुलेंस को जानकारी दी गई थी, लेकिन एंबुलेंस अम्बा कछार तक नहीं पहुंच पाया.

मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे ग्रामीण

बगीचा विकासखंड के ग्राम जबला में ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक गांव में जाने-आने के लिए सड़क नहीं है. इसके साथ ही रास्ते में पड़ने वाले नालों पर भी पुल नहीं है. जिसके चलते ग्रामीणों को मुसीबत का सामना करना पड़ता है. ग्राम जबला के ग्रामीणों ने बताया कि गर्भवती की प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद उसे खाट पर लिटाकर कंधे के सहारे उठाकर मुख्य मार्ग तक लाया गया. उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों में गांव टापू में तब्दील हो जाता है और कई बार लोगों की जान तक जा चुकी है.

मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे ग्रामीण

पढ़ें- जशपुर: आजादी के बाद भी इस गांव तक नहीं पहुंचा विकास, वर्षों से ग्रामीणों को पुल की आस

जशपुर में इससे पहले भी खाट पर लादकर मशाल जलाकर महिला को अस्पताल ले जाने का वीडियो सामने आया था. ज्यादातर वनांचल क्षेत्र होने की वजह से जशपुर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कई सालों से जूझ रहा है. ऐसी कई खबरें लगातार सामने आती है, जिसमें स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव की तस्वीरें साफ नजर आती है. सरकारें आती हैं और चली जाती हैं, लेकिन विकास की चिड़िया इन क्षेत्रों में आज तक नहीं पहुंच पाई. सड़क और पुल न होने से ग्रामीणों की परेशानी हमेशा बनी रहती है. कई बार मांग किए जाने के बाद भी इन परेशानियों का समाधान करने के लिए कोई नहीं आता.

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