जशपुर: लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों और जिलों के कई मजदूर जशपुर में फंसे हुए हैं. राहत शिविरों में रहने वाले मजदूर लॉकडाउन के बढ़ने से परेशान होते नजर आ रहे हैं. कई मजदूर हताश होकर आत्महत्या करने की बात कर रहे हैं. ऐसे मजदूरों को समझाने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए जिले में शिविर का आयोजन किया जा रहा है. जनप्रतिनिधि भी इनके पास पहुंचकर इन्हें समझा रहे हैं.
राहत शिविरों में मजदूर हो रहे अवसाद का शिकार, घर जाने की कर रहे मांग - जशपुर कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर
लॉकडाउन के दौरान राहत शिविर में रहने वाले मजदूर लगातार घर जाने की मांग कर रहे हैं, जिस पर जशपुर कलेक्टर ने राज्य के अन्य जिलों से आए मजदूरों को घर वापस भेजने की व्यवस्था किए जाने का आश्वासन दिया है. लॉकडाउन की वजह से राहत शिविर में रहने वाले मजदूर अवसाद का शिकार हो रहे हैं, जिनके लिए शिविर में डॉक्टर की भी व्यवस्था की गई है.
लॉकडाउन के लगातार बढ़ने से मजदूरों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है. राहत शिविर में रह रहे लोग आत्महत्या तक की बात तक कहने लगे हैं. कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के लोगों को घर पहुंचाने का आश्वासन दिया है. राज्यों के बॉर्डर सील होने की वजह से दूसरे राज्यों से आए लोगों को उनके घर नहीं भेजा जा सकता है. बता दें कि जशपुर के लवाकेरा समेत अन्य जगहों पर राहत शिविर बनाए गए हैं, यहां दूसरे राज्यों और प्रदेश के ही अन्य जिलों के सैकड़ों मजदूरों को रखा गया है.
राहत शिविर में जनप्रतिनिधियों से मजदूरों ने घर पहुंचाने की मांग की है. इन्हें लॉकडाउन खत्म होने के बाद घर भेजे जाने का आश्वासन दिया गया है. जशपुर कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि सभी मजदूरों के लिए शिविर में कई इंतजाम किए गए हैं. अवसाद का शिकार हो रहे मजदूरों के लिए शिविर में ही डॉक्टर भी मौजूद है.