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चिटफंड के जाल में फंसे निवेशक और अभिकर्ताओं को मिल रही धमकी, मदद करने सरकार से लगाई गुहार - ज्ञापन सौंपा

धमकी मिलने के बाद चिटफंड कंपनी के चंगुल में फंसे अभिकर्ताओं ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

चिटफंड के जाल में फसे निवेशक

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Published : Mar 13, 2019, 10:38 AM IST

Updated : Mar 13, 2019, 4:06 PM IST

जशपुर: सरकार की ओर से चिटफंड कंपनियों पर नकेल कसने के बाद इन कंपनियों के जाल में फंसे हुए निवेशक और अभीकर्ताओं ने प्रदेश सरकार से मदद की गुहार लगाई है. जिलेभर के पीड़ित अभिकर्ता और निवेशकों ने कलेक्ट्रेट में कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.


छत्तीसगढ़ अभिकर्ता एवं उपभोक्ता सेवा संघ के जिला अध्यक्ष निर्भयराम विश्वकर्मा ने कहा कि चिटफंड कंपनी के लिए अभिकर्ता के रूप में काम करने वाले ज्यादातर लोग गरीब और बेरोजगार युवक हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित प्लेसमेंट शिविर के माध्यम से इन युवकों को चिटफंड कंपनियों में नौकरी दिलाई गई थी, लेकिन अब उन्हें अपनी मेहनत के बदले में इन दिनों धर्म की गालियां और एफआईआर करने की धमकी मिल रही है.

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अभिकर्ताओं और निवेशक दोनों ही कंपनी की ठगी का शिकार
महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सुशीला कुजूर ने बताया कि चिटफंड कंपनियों को सरकार ने ही प्रदेश में कारोबार करने की अनुमति दी थी. सरकार के नियमों के तहत ही उन्होंने इस कंपनी में काम किया था, लेकिन अभिकर्ताओं के साथ निवेशक भी कंपनी की ठगी का शिकार बने.


अभिकर्ताओं का जीना मुहाल
सुशीला ने बताया कि कंपनी के फरार होने के बाद निवेशकों ने उनका जीना मुहाल कर दिया है. रोज निवेशकों द्वारा उनसे रकम वापस मांगी जाती है, उन्हें पुलिस की शिकायत करने के साथ ही मारपीट की धमकी भी दी जाती है. आए दिन हो रहे इस विवाद से उनका पूरा परिवार असुरक्षित महसूस कर रहा है.


सरकार से मदद की गुहार
जिला कोषाध्यक्ष अशोक मांझी ने बताया कि चिटफंड कंपनी के जाल में फंसे हुए निवेशक और अभिकर्ता दोनों ही पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए पहल करे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करना चाहिए.

Last Updated : Mar 13, 2019, 4:06 PM IST

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