जशपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को जशपुर के सरना एथेनिक रिसॉर्ट में आयोजित आदिवासी समाज के सम्मेलन में शामिल हुए. सीएम ने सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए कहा कि "हमारी सरकार आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का काम कर रही है. रायपुर में तीन दिवसीय आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें देश-विदेश के कलाकारों ने अपनी सांस्कृतिक कला की झलक दिखाई. बघेल ने कहा कि भेंट-मुलाकात के दौरान आदिवासी समाज को संरक्षित करने के लिए देवस्थल, देवगुड़ी निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी जा रही है. सम्मेलन में आदिवासी समाज की तरफ से सीएम को पारंपरिक शॉल, तलवार-ढाल भेंट कर स्वागत किया गया.
जाति प्रमाणपत्र बनने में नहीं होगी मुश्किल: सम्मेलन में सीएम ने कहा कि "अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही समस्या को दूर करने के लिए अनुसूचित जनजाति विभाग को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री भेंट मुलाकात कार्यक्रम: सीएम भूपेश ने की जशपुर में सौगात की बारिश
आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की डिमांड बढ़ी: सीएम ने कहा कि लोग स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने में काफी रूचि दिखा रहे हैं. पालकों और बच्चों की मांग को देखते स्कूलों की संख्या बढ़ाई जा रही है. इस साल 76 और नए आत्मानंद स्कूल शुरू किए जा रहे हैं. जिससे प्रदेश में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों की संख्या बढ़कर 247 हो गई है. ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इन स्कूलों में दाखिला मिले इसको लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. हर क्लास में सीटों की संख्या 40 से बढ़ाकर अब 50 कर दी गई है".
कोरोनाकाल में लोगों की मदद को चलाई कई योजनाएं: मुख्यमंत्री ने कहा कि "कोरोनाकाल में लोगों को राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी गई. हमारी सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में बेहतर कार्य कर रही और उसका लाभ लोगों को मिल रहा है".
जशपुर में सीएम का ऑन द स्पॉट फैसला, पहाड़ी कोरवा महिला को दी नौकरी !
गौठान अब बन रहे औद्योगिक पार्क: सीएम ने कहा कि "किसानों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी दी जा रही है. इस योजना में खरीफ की सभी फसलों और उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है. किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी तत्काल भुगतान की व्यवस्था की गई है. कोदो-कुटकी, रागी की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर की जा रही है. दलहन की भी खरीदी राज्य में समर्थन मूल्य पर की जाएगी. जशपुर जिले का मौसम खेती-किसानी के लिए अनुकूल है. यहां मिर्च, टाऊ, काजू, चाय, लीची और नाशपाती की अच्छी खेती होती है. गांव को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौठान को औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है. गौठान में समूह की महिलाएं विभिन्न आयमूलक गतिविधियों से जुड़कर आर्थिक लाभ उठा रही हैं".