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स्वयं-सेविकाओं की मेहनात रंग लाई, जर्जर सड़क को बनाया चलने लायक

राष्ट्रीय सेवा योजना के 50 स्वयं-सेविकाओं ने कोपा गांव से बम्हनी आने-जाने वाली जर्जर हो चुकी कच्ची सड़क को ठीक करने का बीड़ा उठाया और दो दिनों के श्रमदान से सड़क को चलने लायक बनाया है.

50 volunteers made the shaky road walkable
50 स्वयंसेविकाओं की मेहनात रंग लाई

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Published : Nov 29, 2019, 7:42 AM IST

जशपुर:जिस कच्ची सड़क को आजादी के 72 साल बाद भी सरकार नहीं बना पाई, उस सड़क को आज राष्ट्रीय सेवा योजना की 50 स्वयं-सेविकाओं ने चलने लायक बनाया है.

50 स्वयंसेविकाओं ने जर्जर हो चुकी कच्ची सड़क को बनाया चलने लायक

दरअसल, कोपा ग्राम पंचायत से बम्हनी गांव जाने वाली कच्ची सड़क बहुत ही खराब हो चुकी थी, इस सकड़ पर चल पाना ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया था. ग्रामीणों को चाहे राशन लाना हो या बच्चों को स्कूल जाना हो, नाला पार करने के लिए लकड़ी के पुल तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था. ग्रामीणों की इस परेशानी को देखकर 50 छात्राओं ने N.S.S कार्यक्रम के तहत श्रमदान कर सड़क को सुधारने की मुहिम चलाई और सड़क को चलने लायक बनाया है.

50 स्वयं-सेविकाओं ने किया श्रमदान

बता दें, राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से कोपा गांव में 7 दिन का कैम्प लगाया गया था. जहां राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेविकाओं ने देखा की कोपा गांव से बम्हनी जाने वाली सड़क जर्जर हो चुकी है, और इस कच्ची सड़क में बड़े-बड़े गढ़े हो गए हैं. जिसकी वजह से लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. जिसे देखते हुए 50 स्वयं-सेविकाओं ने इस सड़क को ठीक करने का बीड़ा उठाया और दो दिनों के श्रमदान से सड़क को चलने लायक बनाया.

स्वयं-सेविकाओं ने टूटी सड़क को चलने लायक बनाया

राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रमुख और एनईएस महाविद्यालय के प्राचार्य विजय रक्षित ने बताया कि जिले में N.S.S की स्कूल और महाविद्यालय मिला कर 45 इकाई है. जो समय-समय पर 7 दिन का कैम्प लगाते रहते हैं. उन्होंने बताया कि ग्राम सन्ना के एकलव्य विद्यालय के स्वयं-सेवकों ने कोपा गांव में टूटी सड़क को चलने लायक बनाया है.

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