छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

राम वनगमन पथ पर भूपेश के फैसले पर साधु-संतों ने जताई खुशी

ETV भारत ने सबसे पहले इस खबर को प्रमुखता से उठाया कि केन्द्र के रामगमन मार्ग में छत्तीसगढ़ नहीं है. इस पर शिवरीनारायण के साधु-संतों ने रोष जाहिर किया था. लेकिन अब भूपेश बघेल के ऐलान से वो साधु संत खुशी जाहिर कर रहे हैं.

शिवरीनारायण मंदिर

By

Published : Oct 16, 2019, 5:57 PM IST

जांजगीर-चांपा: राम वनगमन मार्ग को लेकर राज्य में एक बार फिर से विचार-विमर्श शुरू हो गया है. भाजपा शासन काल में रामगमन शोध समिति के गठन के बाद राम वनगमन मार्ग चिन्हित किए गये थे, लेकिन इस मार्ग को विकसित करने के लिए कोई खास काम नहीं किया गया. अब कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल के इस मामले पर बयान देने के बाद एक बार फिर से राम वनगमन पथ को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है, कि राम गमन मार्ग का प्रामाणिक आधार क्या है?

राम वनगमन पथ पर भूपेश के फैसले पर साधु-संतों ने जताई खुशी

केंद्र सरकार ने देश भर में रामायण सर्किट मैप तैयार करवाया, लेकिन इसमें छत्तीसगढ़ के जगदलपुर को ही शामिल किया गया. जबकि स्थानीय जानकारों का कहना है इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि भगवान राम ने छत्तीसगढ़ के दंडक वन में करीब 10 साल गुजारे थे, जो राज्य के उत्तर से दक्षिण छत्तीसगढ़ तक है.

ETV भारत ने उठाया था मुद्दा
ETV भारत ने सबसे पहले इस खबर को प्रमुखता से उठाया कि केन्द्र के रामगमन मार्ग में छत्तीसगढ़ नहीं है. इस पर शिवरीनारायण के साधु-संतों ने रोष जाहिर किया था. लेकिन अब भूपेश बघेल के ऐलान से वो साधु संत खुशी जाहिर कर रहे हैं.

राम ने 10 साल छत्तीसगढ़ में गुजारे !
जानकारों का कहना है कि, मध्यप्रदेश के सतना में अत्रि मुनि के आश्रम से दंडक वन की शुरुआत होती है और दक्षिण कौशल की सीमा से लेकर बाणासूर के राज्य यानी महानदी के बाद के वन क्षेत्रों को दंडक वन कहा जाता है. ऐसे में स्थानीय संत और जानकार यही कहते हैं कि, प्रभु राम ने छत्तीसगढ़ में 10 वर्षों का समय बिताया किया था.

पढ़ें- चाइनीज लाइट्स की रोशनी में फीकी पड़ रही देसी दीये की चमक

'शोध समिति का गठन राजनैतिक दलों से था परे'
वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा का कहना है कि, रामगमन शोध समिति का गठन राजनैतिक दलों से परे था, इसलिए इस पर राजनैतिक विवाद की कोई बात नहीं हैं.
छत्तीसगढ़ में राम वनगमन पथ सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान है और राम नाम को लेकर छत्तीसगढ़ में कई प्रचलन ऐसे हैं जो शोध का विषय है. पूरे छत्तीसगढ़ में राम गमन के प्रमाण अधिकांश स्थानों पर मिलते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details