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अब तक नहीं हो पाया पंजीयन के काम में सुधार, धान खरीदी में आ सकती हैं रुकावटें

अगले महीने 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होनी है. इधर किसानों के पंजीयन रकबे में सुधार का काम अभी भी जारी है, जबकि 17 नवंबर तक यह काम पूरा हो जाना चाहिए था.

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Published : Nov 24, 2020, 1:43 PM IST

Updated : Nov 24, 2020, 3:44 PM IST

paddy purchase in chhattisgarh
अब तक नहीं हो पाया पंजीयन काम में सुधार

जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होगी. उसके पहले किसानों का पंजीयन किया जा रहा है. पंजीयन के दौरान लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही थीं, जिसमें सुधार किया जा रहा है. प्रदेश में 1 सप्ताह बाद धान खरीदी शुरू होनी है, लेकिन सुधार कार्य अब तक शुरू नहीं हो पाया है. अगर जल्द ही इसे पूरा नहीं किया गया, तो धान खरीदी में रुकावटें आ सकती हैं.

धान खरीदी में आ सकती हैं रुकावटें


अगले महीने 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होनी है. इधर किसानों के पंजीयन रकबे में सुधार का काम अभी भी जारी है, जबकि 17 नवंबर तक यह काम पूरा हो जाना चाहिए था. इस मामले में पामगढ़ के एसडीएम का कहना है कि तहसीलदार कार्यालय में सुधार प्रक्रिया जारी है. आने वाले दो दिनों में काम पूरा कर लिया जाएगा.

किसानों के सामने चुनौतियां

  • धान कटाई करने वाले मजदूरों को भी नहीं कर पा रहे भुगतान.
  • खलिहान में रखे धान पर हाथियों का भी मंडरा रहा है खतरा.
  • रबी की फसल लेने के समय किसान काटते नजर आएंगे मंडियों के चक्कर.

बारदाने की समस्या

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में एक महीने की देरी पर घमासान मचा हुआ है. एक तरफ जहां राज्य सरकार केंद्र की तरफ से बारदाने नहीं मिलने से देरी की बात कह रही है, वहीं विपक्ष किसानों की परेशानियों के मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सरकार बारदाने की कमी नहीं होने देगी. धान खरीदी का लक्ष्य वक्त पर पूरा किया जाएगा.

पढ़ें: धान खरीदी: JCCJ का 'धान सत्याग्रह', बिलासपुर में किसानों के साथ खोलेंगे मोर्चा

21 लाख 47 हजार किसानों का हुआ पंजीयन

राज्य में पंजीकृत किसानों की संख्या 19 लाख से बढ़कर 21 लाख 47 हजार हो गई है. इस संख्या में 2 लाख 45 हजार नए किसान शामिल हैं, जिन्होंने इस साल धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि किसान सहजता से अपने गांव के नजदीक के केंद्रों में धान का विक्रय कर सकें. इसके लिए राज्य शासन की ओर से 103 नये धान खरीदी केंद्र खोलने की स्वीकृति दी गई है.

पढ़ें: धान खरीदी को लेकर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अधिकारियों के साथ अहम बैठक, तैयारियों पर चर्चा

85 लाख मीट्रिक धान खरीदने का वादा

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने इस बार 85 लाख मीट्रिक धान खरीदने का वादा किया है. इससे किसानों में जोश दिख रहा है. धान बेचने के लिए किसानों ने भारी संख्या में पंजीयन कराया है. इससे किसानों को इस बार अच्छा फायदा होने वाला है. किसानों का कहना है कि समर्थन मूल्य में धान खरीदी होने के कारण बहुत लाभ हो रहा है.

बिना अनुमति अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान आयात पर लगा प्रतिबंध

छत्तीसगढ़ शासन की ओर से खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान बिना अनुमति सीमावर्ती राज्यों से छत्तीसगढ़ में धान आयात करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. खाद्य विभाग ने जारी आदेश में यह स्पष्ट किया है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान 1900 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक कीमत का धान अन्य राज्यों से आयात करने के लिए संचालक खाद्य से अनुमति लेना आवश्यक नहीं है, लेकिन आयातक को इस किस्म के धान आयात करने की सूचना संबंधित जिले के खाद्य नियंत्रक या खाद्य अधिकारी को देनी होगी.

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बिना मास्क के सोसायटियों में प्रवेश वर्जित

बता दें कि इस साल धान बेचने वाले किसानों को विक्रय से पहले अपने तापमान की जांच करानी होगी. सोसायटियों में ही सैनिटाइजर और हैंडवॉश की व्यवस्था रहेगी. बिना मास्क के किसी भी किसान और कर्मचारियों को प्रवेश नहीं मिलेगा. जिला प्रशासन का कहना है कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को लेकर व्यापक तैयारी की जा रही है.

Last Updated : Nov 24, 2020, 3:44 PM IST

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