जांजगीर-चांपा:सावन माह में श्रावण का देवता शिव की भिन्न-भिन्न रूपों में पूजा होती है. सावन मास के दूसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ का काशी कहे जाने वाले लक्ष्मणेश्वर शिव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. कोरोना काल में भोलेबाबा के भक्त व्रत और पूजा-पाठ करके भगवान शिव को प्रसन्न करने में लगे हुए हैं. इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई है.
श्रद्धालु बगैर मास्क के मंदिर में पहुंच पूजा कर रहे हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मंदिर में खास इंतेजाम तो किए गए थे. मंदिर प्रबंधन ने मास्क भी बांटे गए, बावजूद इसके श्रद्धालु बिना मास्क पहने पूजा करते रहे. मंदिर प्रशासन ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया.
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लक्ष्मणेश्वर शिव मंदिर की कहानी
आठवीं शताब्दी का यह मंदिर पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है. यहां अद्भुत शिवलिंग के दर्शन होते हैं. जिसमें एक कुंड भी मौजूद है. इस कुंड में 12 महीने पानी भरा रहता है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्री राम के अनुज लक्ष्मण क्षय रोग से पीड़ित हो गए थे, जिसके बाद उन्होंने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी और इसी वजह से इस मंदिर का नाम लक्ष्मणेश्वर पड़ा.